-मोस्ट वॉन्टेड मोनू पहाड़ी का सबसे बड़ा दुश्मन है शहर का सबसे बड़ा मुखबिर और असलहा कारोबारी

-आई नेक्स्ट पहली बार बताएगा मोस्ट वॉन्टेड मोनू पहाड़ी के जानी दुश्मन की पूरी हकीकत

-मोनू के दुश्मन को विरासत में मिली है क्राइम की सल्तनत

kushagra.pandey@inext.co.in

KANPUR : पचास हजार का इनामी मोनू पहाड़ी जिसके खून का प्यासा हो वो कोई आम आदमी तो नहीं हो सकता। गिरफ्तारी के बाद से ही मोनू एक ही रट लगाए हुए है। मुझे टायसन को मारना है। कौन है ये टायसन। क्या हैं उसके धंधे और क्यों है मोनू पहाड़ी उसकी जान का दुश्मन। आईनेक्स्ट आज मोनू पहाड़ी के दुश्मन नम्बर वन की हिस्ट्रीशीट के साथ उसकी जिंदगी के वो पन्ने भी खोल रहा है जिनमें आज तक कोई झांक नहीं सका।

नाम टायसन उर्फ अयाज ।

ठिकानाकुलीबाजार के बाड़े में कुएं के पास

शरीर की बनावट नाटा कद और गठीला बदन

टायसन नाम क्यों पड़ावो अखाड़े में कसरत करता था। उसने अपनी बॉडी बना ली। इसलिए इलाकाई लोग उसे टायसन नाम से पुकारने लगे

खानदान

पिता मो वसी।

पिता की खासियतवसी जानवरों के शिकार के शौकीन हैं। निशाना अचूक है।

टायसन के भाईब् हैं। वैश, बबलू सिपाही, रिजवान और गुलजार।

चाचा7 चाचा हैं। शहर के टॉप के क्रिमिनल्स अतीक, शफीक, रफीक, बिल्लू और बाले टायसन उर्फ अयाज के सगे चाचा हैं।

उसे चाहिए था खुद का गैंग

अयाज उर्फ टायसन बचपन से अपराध के बल पर चाचाओं की रंगबाजी देख कर बड़ा हुआ। बड़ा होते ही वो उनके लिए काम करने लगा।

शातिर टायसन के शौक महंगे थे। वो चाचा के गुर्गो पर बेशुमार रुपया खर्च करता था। जिसके चलते चाचा के अहम गुर्गे कुछ दिनों में टायसन के ज्यादा करीब हो गए। धीरे-धीरे वो चाचा के रसूख और रुपए को देखकर जलने लगा। उसे लगा कि उसकी मेहनत का मजा दूसरे उठा रहे हैं। टायसन के बदलते रंग देखकर उसके दो चाचाओं अतीक और शफीक के दुश्मनों ने उसे भड़काना शुरु कर दिया भड़काने वालों ने उसे जम कर भरा। वो कहते थे सारे काम तो तुम करते हो और तुम्हारे चाचा पूरी सुपारी ले जाते हैं। तुम्हें तो कुछ हिस्सा ही मिलता है। तुम रिस्क लेते हो, जबकि वो बैठकर रुपए कमाते है। तुम्हारी दहशत से ही उनको रंगदारी मिलती है। ये सब बातें काफी हद तक सच भी थीं। धीरे-धीरे

वो चाचाओं से कटने लगा और कुछ दिनों बाद उसने हिस्ट्रीशीटर लाला हड्डी के साथ अपना गैंग खड़ा कर दिया। इधर उसके तीन क्रिमिनल चाचा गिरफ्तार हो गए, जबकि पुलिस ने दो का एनकाउंटर कर दिया जिसके बाद उसको चाचाओं की गैंग की कमान भी मिल गई। इस तरह वो जुर्म की दुनिया का शहंशाह बन गया।

काम करने का नया फलसफाखुद मत मारो, एनकाउंटर करवाओ

शहर में एक दशक पूर्व क्राइम को रोकने के लिए पुलिस ताबड़तोड़ एकाउंटर कर रही थी। एसटीएफ को बदमाशों के बीच एक अपना आदमी चाहिए था। टायसन इस काम के लिए सबसे सटीक था। यहीं से शुरु हुई धोखे और मौत की सीरीज। अंडरव‌र्ल्ड का द्रोहकाल। टायसन अपनी जान बचाने और दुश्मनों को खत्म करने के लिए एसटीएफ को मुखबिरी करने लगा। उसने दुश्मनों को रास्ते से हटाने के लिए उनका मर्डर नहीं कराया, बल्कि पुलिस महकमे में अच्छी पैठ के जरिए उनका एनकाउंटर करवाना शुरु कर दिया।

लगातार करवाए एनकाउंटर

कचहरी में मोस्ट वांटेड मोनू पहाड़ी ने टायसन को मुखबिर बताया था। उसने टायसन को गाली देते हुए कहा कि वो सिर्फ मुखबिरी करता है। मोनू ने तो यहां तक कहा कि टायसन ने ही अपने चाचा रफीक और बाले का एनकाउंटर करवाया था। बकौल मोनू पहाड़ी टायसन ने परवेज, शानू बॉस और संजय गुप्ता का एनकाउंटर करवाया। साथ ही उसी ने ही गुलाम नवी को पकड़वा दिया था।

जमीन में छुपा कर रखता है असलहे

शहर में टायसन ही अवैध असलहों का सबसे बड़ा धंधेबाज है। जानकारों के अनुसार उसके घर के कच्चे आंगन में मिटी के नीचे दर्जनों असलहे दबे रहते हैं। क्रिमिनल कोई भी वारदात करने के लिए उसी से असलहे खरीदकर ले जाते हैं। जिसके एवज में वो उनसे मुंह मांगे दाम वसूलता है। वो तमंचे से लेकर पिस्टल तक बेचता है। यहीं उसकी कमाई का जरिया भी है।

एक बड़े कारोबारी का है करीबी

मोस्ट वांटेड मोनू पहाड़ी से कम शातिर नहीं है टायसन। मोनू पहाड़ी के पास शातिर बदमाशों की फौज है, तो टायसन की पुलिस महकमे में अच्छी पैठ है। उसने कुलीबाजार के एक बड़े कारोबारी की ही मदद से पुलिस महकमे में पैठ बनाई है। वो कारोबारी का काफी करीबी है। वो कारोबारी से रोज मिलता है, बल्कि वो उनके घर के सदस्य की तरह हो गया है। उसने कारोबारी के बेटे के साथ मिलकर एक बिल्डिंग बनाई है। जिससे वो किराया खोरी करता है।

Posted By: Inextlive