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फोटो 06 पीआरटी 16

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अनाथ हुए दो च्च्चों की मदद को समाजसेवियों ने बढ़ाया हाथ

मदद की उम्मीद लिए फिर डीएम से मिलने पहुंचे च्च्चे

PRATAPGARH(6 Nov,JNN):

माता के कुमाता बनने के बाद दो नाबालिग च्च्चों की जिंदगी नारकीय हो गई है। पढ़ने लिखने व खेलने खाने की उम्र में वह एक निवाले के लिए मोहताज भरी जिंदगी बसर कर रहे हैं। बदकिस्मती उनका पीछा नहीं छोड़ रही। करीब महीने भर से वे डीएम की चौखट का चक्कर काट रहे हैं। मगर वह हैं कि उन च्च्चों की वेदना व लाचारगी पर ध्यान ही नहीं दे रहे। प्रशासन की इस क्रूरता को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चा की है।

रानीगंज तहसील के दिलीपपुर बाजार के दो च्च्चे विकलांग रोशन सोनी (12) पुत्र राकेश सोनी अपनी बहन मंशा सोनी (6) अपनी मां की करतूत के शिकार हैं। पती की मौत के बाद उन च्च्चों की जमीन ही नहीं सरकारी इंदिरा आवास तक बेंच कर बगैर च्च्चों बताए कहीं चली गई है। उस महिला की इस करनी का खामियाजा दोनों नाबालिग च्च्चे भुगत रहे हैं। उनके पास न तो रहने के लिए घर है और न खाने के लिए एक अन्न। मदद की आस लिए वे डीएम के आवास का करीब महीने भर से चक्कर काट रहे हैं। मगर प्रशासन भी आश्वासन की घुट्टी के सिवा उन्हें आज तक कुछ नहीं दे सका। सामाजिक कार्यकर्ता वकील अहमद को उन च्च्चों पर तरस आया तो वह प्रशासनिक मदद दिलाने के लिए एड़ी से चोटी का जोर लगा बैठे हैं। शुक्रवार को एक बार दोनों च्च्चे मदद की उम्मीद लिए डीएम के आवास पहुंचे। इस बारे में एसडीएम रानीगंज ब्रजेंद्र द्विवेदी से बात की गई। उन्होंने कहा कि जमीन खरीदने वाले ने इंदिरा आवास नहीं घेरा है। जमीन के विवाद में खरीदार के विपक्षी च्च्चों को इस्तेमाल रहे हैं। इसके बाद भी च्च्चों को न्याय दिलाने में प्रशासन लगा है। मामले की जांच तहसीलदार को सौंपी गई है।

बाक्स

रोशनलाल नेच्बच्चों दिलाया कपड़ा

हालात के मारेच्बच्चों की दशा देख उनकी मदद को धीरे-धीरे हाथ बढ़े हैं। एलायंस क्लब के अध्यक्ष व वरिष्ठ समाजसेवी रोशनलाल ऊमरवैश्य ने शुक्रवार को उन दोनोंच्बच्चों को नया कपड़ा दिया। वह ठंड से बचने के लिए कंबल देने का भी आश्वासन दिए। उनके हाथ कपड़ा पा करच्बच्चों के मुरझाए चेहरे पर हल्की सी मुस्कान थिरक उठी।

Posted By: Inextlive