PATNA: विश्व स्तनपान सप्ताह में महिलाओं को जागरुक करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी मुहिम चल रही है। नवजात को जन्म के एक घंटे के अंदर मां दूध मिल सके इसे लेकर हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। नवजात के साथ माताओं को रोग से बचाने को लेकर एनएमसीएच में अवेयरनेस कार्यक्रम किया गया जिसमें कृत्रिम दूध से होने वाले नुकसान और मां के पहले दूध से होने वाले बचाव के बारे में बताया गया।

बताया स्तनपान का फायदा

एनएमसीएच की आईवाईसीएफ न्यूट्रीशियन काउंसलर डाइटीशियन अनुभा आनंद ने महिलाओं को जागरुक करते हुए बताया कि कृत्रिम दूध मां के दूध की गुणवत्ता का अनुकरण करने की कोशिश कर सकता है लेकिन सही मायने में यह अनुकरण हो ही नहीं सकता है। क्योंकि मां का दूध अनेक गुण धर्म से युक्त होता है। इसके पान से बच्चों को

बीमारियों से लड़ने की क्षमता के साथ ढेर सारे फायदे हैं।

-मां का दूध पर्याप्त पाने वाले बच्चों को डायरिया के साथ अन्य संक्रमण से मुक्ति मिलती है।

-स्तनपान कराने से मां को गर्भावस्था के बाद होने वाली शिकायतें से मुक्ति मिलती है

-स्तनपान कराने से मां को तनाव में कमी प्रसव के बाद होने वाले रक्तस्राव में कमी होती है

-एनीमिया का खतरा कम हो जाता है।

मां के साथ बच्चे को फायदा

अनुभा आनंद ने महिलाओं को बताया कि शिशु के लिए मां का पहला दूध अमृत है। इसका पान कराने से माताएं भी निरोगी रहती हैं। पहले 6 माह तक बच्चों को सिर्फ मां का दूध ही देना चाहिए। शिशु के लिए ही नहीं मां के जीवन के लिए भी यह जरूरी है। मां का दूध बच्चों के दिमाग से लेकर शरीर पर काफी असर पड़ता है। मां का दूध शिशु को उसी तापमान से मिलता है जो उसके शरीर का होता है। इस दौरान महिलाओं को स्तनपान का सही तरीका बताया। साथ ही डाइट के बारे में भी जानकारी दी गई क्योंकि अधिकतर महिलाओं ने दूध नहीं उतरने की शिकायत की। उन्होंने डाइट चार्ट के बारे में बताया कि गर्भ धारण करने के बाद से खान पान पर पूरा ध्यान देना चाहिए और प्रसव बाद तो बच्चों के लिए खुद की डाइट में सुधार लाना जरूरी है।

Posted By: Inextlive