RANCHI: रांची जिले में 51 फीसदी माताएं अपने बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग कराना नहीं चाह रही हैं, जबकि इस मामले में रूरल एरियाज की महिलाएं उनसे ज्यादा एक्टिव हैं। इनका परसेंटेज 47.8 है। यह आश्चर्यजनक खुलासा झारखंड के हेल्थ सर्वे में हुआ है। आज से व‌र्ल्ड ब्रेस्ट फीडिंग वीक शुरू हो रहा है, जो सात अगस्त तक चलेगा। ऐसे में पेश है आई नेक्स्ट की अवेयरनेस बेस्ड स्टोरी, ताकि बच्चों के साथ-साथ मां भी घातक बीमारियों से दूर रहें।

स्तनपान कराने में गांव की महिलाएं आगे

बात अगर राजधानी रांची और इसके आसपास के इलाकों की करें तो यहां की 46 परसेंट महिलाएं बच्चे के जन्म के एक घंटे के भीतर ही उन्हें स्तनपान कराती हैं। जबकि बच्चों को लगातार छह महीने तक स्तनपान कराने के मामले में शहरी क्षेत्र की 43.6 परसेंट महिलाएं ही एक्टिव हैं। जबकि इस मामले में ग्रामीण इलाके का परसेंटेज इनसे अच्छा है जो 52.2 परसेंट है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्तनपान कराने को लेकर ग्रामीण महिलाएं ज्यादा जागरूक हैं।

ब्रेस्ट कैंसर का है खतरा

बदलती लाइफ स्टाइल के साथ मां भी चेंज हो गई हैं। आजकल की मां अपने बच्चे को कम से कम स्तनपान कराना चाह रही हैं। लेकिन वह यह नहीं जानती कि इस चक्कर में उन्हें ब्रेस्ट कैंसर जैसी घातक बीमारी अपनी चपेट में ले सकती है जबकि उनके बच्चे को भी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में महिलाओं को अपने साथ-साथ बच्चों के सेहत का भी ख्याल रखना चाहिए। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, बच्चे को दो साल या उससे अधिक समय तक स्तनपान कराया जा सकता है।

मां का दूध बच्चे के लिए अमृत समान

एक्सप‌र्ट्स की मानें तो मां के दूध में कई सारे पोषक तत्व होते हैं, जो बच्चे को गंभीर बीमारियों से बचाते हैं। मां का पहला दूध क्लोसट्रम कहलाता है। मां के दूध में पाया जाने वाला कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, लैक्टलबुमिन, फैट्स, मिनरल्स के अलावा पीएबीए बच्चे को मलेरिया से बचाता है। वहीं डेकोक्सहेक्सेनिक एसिड दिमाग के विकास में मदद करता है। साथ ही पेट दर्द कम करने में भी सहायक है।

वर्जन

स्तनपान कराना मां और बच्चे दोनों के लिए लाभदायक है। उन्हें इससे पीछे नहीं हटना चाहिए। स्तनपान से जहां मां को कई तरह की परेशानी नहीं होती वहीं बच्चा भी गंभीर बीमारियों से बचा रहता है। माडर्न लाइफ स्टाइल के चक्कर में आज की महिलाएं इससे बचना चाह रही हैं, लेकिन यह मां और बच्चे दोनों के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।

-डॉ। अजीत, रिम्स

Posted By: Inextlive