केदारघाटी से मयंक राय और दिलीप बिष्ट की रिपोर्ट ढाई महीने के बाद केदाराघाटी में रौनक है. बाबा के मंदिर को फूलों से सजा दिया गया है. मुख्य पुजारी के अलावा सरकारी अमला भी वहां कैंप कर रहा है. बिजली और संचार सुविधाएं भी बहाल कर दी गई है. ऊपर से भले ही सबकुछ सामान्य दिख रहा है लेकिन अंदर ही अंदर केदारघाटी सुलग रही है. सुलगने का कारण भी है. केदारघाट के इतिहास में शायद यह पहली बार हो रहा है कि वहां के तीर्थ पुरोहितों सहित स्थानीय लोगों को अपने अराध्य देव से मिलने से रोका जा रहा है.


फाटा में शुरू हुआ आंदोलनउत्तराखंड सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि 11 सितंबर को केदारमंदिर में होने वाली पूजा में सिर्फ चुनिंदा लोग ही जा सकेंगे. ऐसे लोगों को हेलिकॉप्टर के जरिए ले जाया जाएगा. उधर, स्थानीय लोगों और तीर्थ पुरोहितों ने भी ऐलान कर दिया था कि वे हर हाल में बाबा के दर्शन को पहुंचेंगे. इसी ऐलान के तहत केदारघाटी के प्रवेश द्वार फाटा में हजारों की संख्या में स्थानीय लोग और तीर्थ पुरोहित जमा हैं. लोगों का विरोध ने आंदोलन का रूप ले लिया है. लोगों का आरोप है कि सरकार अपनी नाकामयाबियों को छिपाने के लिए लोगों पर पाबंदी लगा रही है.खूब हुई नारेबाजी


आई-नेक्स्ट टीम सुबह करीब नौ बजे रुद्रप्रयाग जिले के फाटा कस्बे में पहुंची. हर तरफ पुलिस का कड़ा पहरा है. यह वही जगह है जिसे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बेस कैंप बनाया गया था. एक बार फिर यहां हर तरफ पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था है. अंतर बस इतना है कि उस वक्त पुलिस लोगों को केदारघाटी से निकाल रही थी, इस वक्त पुलिस लोगों को घाटी में प्रवेश नहीं करने दे रही है. स्थानीय लोग और पुरोहित भी अपनी जिद पर अड़े हैं. सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी हो रही है.

चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा

केदारघाटी को पूरी तरह सील कर दिया गया है. बिना अनुमति किसी को भी प्रवेश को अनुमति नहीं है. अकेले फाटा में पुलिस और पीएसी के करीब 80 जवानों को लगाया गया है. त्रियुगीनारायण और चौमासी में भी पुलिस की कड़ी घेराबंदी है. गुप्तकाशी और गौरीकुंड को भी सील कर दिया गया है.स्थानीय लोग हैं हैरानफाटा से लेकर गौरीकुंड के रास्ते तक पुलिस की घेरेबंदी से इस बात का एहसास हो रहा है जैसे कि अघोषित कफ्र्यू लगा दिया गया है. स्थानीय लोगों को स्पष्ट तौर पर हिदायद दी गई है कि वे अपना पहचानपत्र साथ रखें. साथ ही प्रशासन द्वारा पास भी जारी किया गया है. यह पास जितनी दूरी तक मान्य है उसके आगे किसी को आगे नहीं जाने दिया जा रहा है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh