हॉलीवुड की चर्चित फिल्म शेफ़ की उसी नाम की हिंदी रिमेक इस हफ्ते सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई। जॉन फेवरियू जिन्होंने उस फिल्म में मेन किरदार निभाया था वो किरदार यहाँ सैफ अली खान ने निभाया है। कितने मिशलेन स्टार मिलते हैं इस शेफ को आइये पता लगाते हैं।

कहानी
अपने ड्रीम करियर की तलाश में एक शेफ़ अपने केरला में माँ के साथ पल बढ़ रहे बेटे को बाप का प्यार नहीं दे पा रहा, अपने इस उलझे हुए रिश्ते को वो कैसे सुलझाए की उसका ड्रीम भी शेप ले सके और उसके बेटे के साथ उसकी रिलेशन भी सुधर जाए, यही है शेफ की मूल कहानी।

समीक्षा

अंग्रेज़ी शेफ और इस शेफ़ की मूल कहानी भले ही एक ही हो पर दोनों का ट्रीटमेंट काफी अलग है, अंग्रेज़ी शेफ मूल रूप से एक फ़ूड मूवी थी और सच बोलूं तो फ़ूडपोर्न की तरह शूट की गई थी, ये फ़िल्म मूल रूप से बाप और बेटे की कहानी सुनाती है। अच्छा ही है कि फ़िल्म अंधे तरीके से फ्रेम कॉपी नहीं करती, सिर्फ इंस्पिरेशन ही लेती है, इसलिए ये फ़िल्म फ़ूड मूवी नही कही जा सकती
कमी रह गई कुछ कहीं !
किसी किसी लेवल पर लगने लगता है कि अगर ये फ़िल्म फ़ूड मूवी होती तो काफी इंटरेस्टिंग होता, हमारे देश के फ़ूड कल्चर को बड़े सलीके से डेपिक्ट कर सकती थी ये फ़िल्म इसलिये कहीं कहीं पर मोनोटोनस हो जाती है, यही फ़िल्म का वीक लिंक है।
उस देश में जहां शेफ़ होना आज भी एक प्रीफेरेड प्रोफेशन नहीं है, वहां मिशलेन स्टार जैसी ग्रेडिंग को समझाना ज़रूरी था, कुल मिलाकर शेफ़ की प्रोफ़ेशनल अंतर्दशा पब्लिक को कितना समझ आएगी वो समझ पाना और भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि फ़ूड ट्रक कल्चर तो भारत में न के बाराबर है।

 


क्या आया पसंद?
बाप और बेटे के बीच की कहानी बड़े अच्छे से दिखाई गई है, फ़िल्म दिल चाहता है कि तरह फ्लफी है, न कि बाग़बान की तरह गरिष्ठ। बाप और बेटे के बीच के इमोशनल सीन बहुत क्यूट हैं और यही इस फ़िल्म का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है।
फ़िल्म की सिनेमाटोग्राफी काबिल ए तारीफ है, फ्रेम दर फ्रेम फ़िल्म बडे सलीके से शूट की गई है, इंडिया इतना खूबसूरत लगता है कि पूछिये ही मत। जग्गा जासूस के बाद ये इस साल की अब तक कि बेस्ट शॉट फ़िल्म है। डायलॉग बहुत ही क्रिस्प और ऑप्ट है, लंबे लंबे भाषण नहीं है, ओवर द टॉप ड्रामा नहीं है। कुल मिलाकर फ़िल्म के ट्रीटमेन्ट बड़ा लाइट है। फ़िल्म का संगीत और पार्श्वसंगीत भी काफी अच्छा है।

अदाकारी

फ़िल्म की पूरी की पूरी कास्ट काफी अच्छी है, हर किसी ने अपना अपना काम बड़ी ईमानदारी से किया है, सैफ की असल जिंदगी में हॉबी कुकिंग है, वो उनकी फ़िल्म में काम आई। इसी तरह उनके बेटे का किरदार अदा करने वाले स्वर का काम भी जबरदस्त है, इस साल की सबसे जानदार चाइल्ड एक्ट्स में से एक। पद्मप्रिया जो कि साउथ की सुपर स्टार हैं अपने रोल में खूब जंची हैं। पूरी कास्टिंग ऑप्ट है।
कुल मिलाकर रोशन कालरा और बेटे की फादर सन स्टोरी में रोशन के फ़ूड ड्रीम को थ्री स्टार मिशलेन स्टेटस मिलता है या नहीं ये जानने के लिए फ़िल्म देखिये, मेरी तरफ से इसे थ्री एंड आ हाफ स्टार और एक मस्ट वॉच कमेंट ज़रूर है।
रेटिंग - 3.5 स्टार
Yohaann Bhargava
www.facebook.com/bhaargavabol

 

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari