जुरासिक की दुनिया से मेरा बचपन का वास्ता है ये सीरीज उन फिल्मों में से है जिनसे मैंने हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं की फिल्मों की ओर अपना इंट्रेस्ट बढ़ाया या फिर सिम्पली कह सकते हैं ये मेरी अमेजिंग चाइल्डहुड मेमोरीज में से एक है। नब्बे के दशक से लेकर आज तक डायनासौर की दुनिया पर बेस्ड ये फ्रैंचाइजी एक प्रॉफिटेबल वेंचर है। इस हफ्ते रिलीज हुई है् जुरासिक वर्ल्ड की दूसरी किश्त आइये बताते हैं की ये कैसी है।


कहानी : डायनासौर की हाइब्रिड प्रजाति का खतराजिस आईलैंड पे जुरासिक वर्ल्ड था वहां अब एक ज्वालामुखी है। इसके फटने से डायनासोर की दुनिया फिर से विलुप्त हो जाएगी, इनको शिफ्ट करने की आढ़ में कोई है जो इनका सौदा करना चाहता है और साथ ही खतरा है एक हाइब्रिड प्रजाति का जिसको काबू करना टेढ़ी खीर है। क्या होगा जुरासिक वर्ल्ड के आखिरी बचे डायनासोर्स का यही बताती है ये फिल्म।समीक्षा : इंग्लिश भाषा में है बेस्टफिल्म की समीक्षा करने से पहले मैं आपको ये बता दूं की चूंकि मैं हिंदी भाषी बेल्ट के हिंदी अखबार के लिए लिखता हूं, कोशिश करता हूं की हॉलीवुड की हर फिल्म हिंदी में ही देखूं , इस फिल्म का भी मैंने हिंदी डब ही देखा।माइनस पॉइंट : गूगल ट्रांसलेटर का इस्तेमाल


मैं करबद्ध होके प्रोडक्शन हाउसेज और भारतीय डिस्ट्रीब्यूटर्स से कहना चाहता हूं, की वर्ड तो वर्ड, गूगल ट्रांसलेशन से संवादों का पूरा मजा खराब हो जाता है, ऊपर से ये आम बोलचाल की भाषा में भी नहीं है, एक तरफ तो हम राज़-रिबूट में 'रिबूट' शब्द के इस्तेमाल को अपना चुके हैं, तो ऐसी  कोई मजबूरी नहीं कि उसे रिप्लेस करने के लिए ' फिर से शुरू' जुमले का इस्तेमाल किया जाए। फिल्म के डायलॉग का पूरा मज़ा ख़राब हो जाता है, यही फिल्म का सबसे बड़ा माइनस पॉइंट हैं।डायलॉग कंटेम्पररी नहीं हैं। इसके अलावा फिल्म की पेसिंग थोड़ी स्लो है। क्या आया पसंद : एक्शन कोरियोग्राफी और लाजवाब स्टंट फिल्म में हर वो एलिमेंट मौजूद है, जिसके लिए हम ये फिल्म देखने गए थे। स्पीलबर्ग ने जो शुरू किया उसको स्पीलबर्ग के लेवल तक ले जाना कठिन काम है पर जे ए बायोना की कोशिश बुरी नहीं है। फिल्म की एक्शन कोरियोग्राफी और स्टंट लाजवाब हैं। फिल्म में कुछ बेहद इमोशनल मोमेंट भी हैं, जो इसे पिछली फिल्म के मुकाबले थोड़ा बेटर बनाते हैं। फिल्म की मेसेजिंग भी क्लियर है। फिल्म के विऍफ़एक्स भी काफी अच्छे हैं और बिलीवेबल हैं खासकर ज्वालामुखी के फटने का पूरा सीक्वेंस काफी भयावह है। बैकग्राउंड म्यूजिक बहुत अच्छा है। एक्टिंग डिपार्टमेंट का काम ठीक ठाक है, ऐसी फिल्मों में ज्यादा कुछ करने का कोई स्कोप नॉरमली होता ही नहीं वर्डिक्ट : इसलिए देखने जाएं

कुलमिलाकर, बढ़िया एक्शन , बेहरतीन स्टंट और अपने फेवरिट रेप्टर ब्लू और टी-रेक्स से मिलने का मन हो और आपका किसी 'वेडिंग' में जाके व् 'वीर'ता दिखाने का मूड न हो तो इस फिल्म से बेटर कोई ऑप्शन नहीं। साथ ही आग अगले हफ्ते रेस३ है, न ही इस फिल्म के शो बचेंगे और भीड़ में न ही आप इसलिए इसे इस हफ्ते ही देखने में भाई है। रेटिंग : 3.5 स्टार Reviewed by : Yohaann BhaargavaMovie Review : वीरे दी वेडिंग में फेमिनिज्म का मतलब, सिर्फ औरतें ही होनी चाहिए दुनिया मेंMovie Review: हर भारतीय को गर्व का अहसास कराने वाली फिल्म 'परमाणु'

Posted By: Vandana Sharma