स्टाफ ही नहीं है, कैसे चलाएं एमआरआई
- आठ के स्थान पर सिर्फ एक टेक्नीशियन से कराया जा रहा काम
- मरीजों को जांच रिपोर्ट लेने में लग रहे तीन-तीन दिन Meerut : हाल ही में मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेज में शुरू हुई मैग्नेटिक रेसोनेन्स इमैजिंग (एमआरआई) सुविधा, स्टाफ की कमी के चलते दम तोड़ती नजर आ रही है। मरीजों का आरोप है कि फीस जमा करने के बाद भी रिपोर्ट लेने में तीन-तीन दिन लग रहे हैं। जिसके चलते उन्हें एक तो पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं.साथ ही विभाग के चक्कर भी लगाने पड़ रहे हैं। कैसे चले 24 घंटे एमआरआई विभागीय जानकारी के अनुसार 24 घंटे एमआरआई चलाने के लिए 8 टेक्नीशियन की जरूरत होती है। लेकिन अभी रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में सिर्फ एक ही टेक्नीशियन है। जिसके चलते मरीजों रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जाना पड़ता है वापसविभागीय स्टाफ का मानना है कि एक टेक्नीशियन के बलबूते 24 घंटे एमआरआई चलाना मुमकिन नहीं है। इसलिए 2 बजे के बाद आने वाले मरीजों को घर लौटना पड़ता है।
इन सुविधाओं का दावा -मरीजों को 24 घंटे मिलेगी एमआरआई की सुविधा -निजी लैब से 50 फीसदी कम पैसों में हो जाएगी एमआरआई-बॉडी के हर पार्ट की एमआरआई की होगी एक ही फीस
वर्जन एमआरआई के लिए वास्तव में स्टाफ कम है। स्टाफ पूरा करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही स्टाफ को पूरा किया जाएगा। -डॉ। विभु साहनी, सीएमएस मेडिकल अस्पताल फैक्ट एंड फीगर - एमआरआई मशीन की कीमत 8 करोड़ - 18 मई को शुरू की गई थी एमआरआई सेवा। - कैबिनेट मंत्री शहिद मंजूर ने किया था उदघाटन। -24 घंटे सेवा देना किया गया था दावा