10 किलोवाट के से अधिक के बिजली कनेक्शन पर शत-प्रतिशत बिलिंग के लिए होगी जांच

Meerut । मीटर में गड़बड़ी कर बिजली की चोरी करने वाले उपभोक्ताओं पर लगाम कसने के लिए विद्युत विभाग अब संदिग्ध मीटरों की एमआरआई कराएगा। एमआरआई यानी मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट के जरिए विद्युत मीटर की पूरी स्कैनिंग कर मीटर की पूरी जांच करेगा। यदि मीटर में किसी भी प्रकार की छोटी या बड़ी छेड़छाड़ कभी की गई होगी तो एमआरआई में सामने आ जाएगी। बता दें कि बिजली चोरी से विभाग को हर माह करोड़ों रुपए की चपत लगती है।

कामर्शियल पर शिकंजा

विद्युत विभाग द्वारा एमआरआई का प्रयोग सबसे पहले 10 किलो वाट से अधिक का संयोजन के लिए किया जाएगा। एमआरआई के जरिए उपभोक्ता द्वारा उपयोग की गई बिजली की पूरी जानकारी विभाग को मिल जाएगी। इस खपत और उपभोक्ता के विद्युत बिल में यदि किसी प्रकार का अंतर मिला तो उपभोक्ता के मीटर की लैब में जांच कर अंतर का कारण तलाशा जाएगा।

पोल की भी होगी जांच

उपभोक्ता के प्रतिष्ठान पर लगे मीटर की एमआरआई जांच और संबंधित पोल पर लगे मीटर की जांच के बाद दोनो की रीडिंग को मैच किया जाएगा। इस जांच में यह देखा जाएगा कि दोनो मीटर की रीडिंग, बिजली की खपत एक समान हो और मीटर में किसी प्रकार की छेड़छाड़ न की गई हो। यदि दोनो मीटर की रीडिंग और खपत में किसी प्रकार का अंतर पाया गया तो मीटर की लैब में जांच कराकर अंतर की कमी को देखा जाएगा।

जांच के बाद बिल

विद्युत विभाग द्वारा गत दिनों आयोजित बैठक में एमडी पावर द्वारा सभी क्षेत्रों के अधीक्षण अभियंताओं को 10 किलो वाट से अधिक के संयोजन की बिलिंग एमआरआई के बाद करने का आदेश जारी किया गया। बिलिंग शत प्रतिशत हो और विभागीय राजस्व में किसी प्रकार की क्षति न हो, यह इस बिलिंग की प्राथमिकता रहेगी। साथ ही साथ उपभोक्ताओं के सामने ही रीडिंग जांच की जाएगी।

वर्जन-

10 किलोवाट से अधिक के कनेक्शन की बिलिंग एमआरआई के बाद की जाएगी। उपभोक्ताओं को सही बिल मिले और विभाग को भी उपभोग के अनुसार राजस्व प्राप्त हो, इसलिए यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

- बीएस यादव, चीफ इंजीनियर

विद्युत विभाग अभी तक इंडस्ट्री एरिया को पूरी तरह बिजली देने में सक्षम नही है। केवल शत प्रतिशत वसूली के लिए नियम लागू किए जा रहे हैं।

- शरीफ अहमद, कैंची इंडस्ट्रीलिस्ट

इंडस्ट्रीज की बिजली का विभाग द्वारा फीडर, पोल और इंडस्ट्रीज पर लगे मीटर के स्तर पर जांच के बाद बिल जारी किया जाता है। इसमें किसी प्रकार की छेड़छाड संभव नही है।

गौरव राजपूत, सांई पुरम इंडस्ट्रीयल एरिया

विद्युत सप्लाई की समस्या को दूर करना विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए लेकिन विभाग पूरी बिजली दिए बिना शत प्रतिशत वसूली के कारण तलाश रहा है।

सईद, लोहियानगर इंडस्ट्रीयल एरिया

Posted By: Inextlive