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PRAYAGRAJ: संगमनगरी प्रयागराज में आस्था का सबसे बड़ा मेला लगने जा रहा है। इसके लिए पूरे विश्व के करोड़ों लोगों को आमंत्रित किया गया है। कुंभ के दौरान लोग गंगा और यमुना के स्वच्छ जल में स्नान करें और स्वच्छ जल का आचमन करें, इसके लिए 31 दिसंबर तक गंगा-यमुना में गिर रहे दूषित जल पर रोक लगाने का आदेश था। लेकिन वास्तविकता दावों के उलट है। अभी भी नालों का दूषित जल गंगा नदी में सीधे गिर रहा है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की रियलिटी चेक में ये हकीकत सामने आई।

गंगा में फेंक रहे पूजन सामग्री
गंगा सफाई अभियान और नालों पर टैपिंग की हकीकत जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर रसूलाबाद घाट पहुंचा। वहां गंगा किनारे कूड़े कचरे का ढेर नजर आया। पानी का रंग भी काला दिखाई दे रहा था। कूड़ा-कचरा और पूजा पाठ का सामान गंगा में प्रवाहित कि.या जा रहा है।

नाला गिर रहा है गंगा में
घाट से कुछ दूरी पर ही रसूलाबाद का नाला है। किनारे-किनारे होकर नाले की तरफ जाने का प्रयास किया तो नजर आया कि नाले का पानी सीधे गंगा में गिर रहा है।

लगा दी गई है जाली
रसूलाबाद के नाले पर कार्रवाई के नाम पर बस केवल खानापुरी के लिए जाली लगा दी गई है। ये जाली कूड़ा कचरा को तो रोक रही है, लेकिन सीवर और घरों से निकलने वाला गंदा पानी सीधे गंगा में गिर रहा है। आसपास इतना कूड़ा-कचरा और बदबू थी कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था। आसपास रहने वाले लोगों का कहना था कि शासन-प्रशासन ने इस गंदगी की ओर कभी ध्यान ही नहीं दिया।

तेलियरगंज में भी गिर रहा दूषित पानी
रसूलाबाद से थोड़ा आगे तेलियरगंज टीम पहुंची। संगम से तेलियरगंज की दूरी कुछ ज्यादा नहीं है। गंगा का प्रवाह तेलियरगंज से होते हुए ही संगम की ओर बढ़ता है। यहां भी सफाई के नाम पर केवल खानापुरी की गई है। लाखों लीटर गंदा बदबूदार पानी गंगा की धारा में मिलकर उसे और प्रदूषित कर रहा है। नाले के आसपास कई टन कचरा पड़ा है जिसे देख कर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिरी बार यहां सफाई हुए महीनों बीत गए हैं।

गंगा दूषित, यमुना हैं स्वच्छ
|कुंभ के पहले बस गनीमत इतनी है कि गंगा की धारा जितनी दूषित है, यमुना का पानी उतना ही साफ है। दोनों नदियों का पानी देख कर आप पहचान सकते हैं कि एक साफ नदी में दूसरी प्रदूषित नदी का पानी मिल रहा है। दोनों का रंग सरकार के दावों की पोल खोल रहा है। यमुना का पानी अगर गंगा में यहां ना मिले तो बनारस में भी नदी की तस्वीर देखने लायक नहीं होगी।

गंगा-यमुना में गिर रहे नालों को पूरी तरह टैप किया जा चुका है। जो टैप नहीं हो सके हैं, उन्हें बायो रेमेडिएशन के थ्रू क्लीयर किया जा रहा है। जल्द ही गंगा और यमुना के जल में स्वच्छता का असर दिखाई देगा।
पीके अग्रवाल, जीएम, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई

रसूलाबाद के साथ ही आस-पास के इलाकों को अभी तक सीवर से कनेक्ट नहीं किया जा सका है। इसकी वजह से बड़ी मात्रा में दूषित जल अभी भी नाला के जरिये गंगा में गिर रहा है। नाला के मुहाने पर बस केवल जाली लगाई गई है, जिससे केवल कचरा रुक रहा है।
मुकुंद तिवारी, पार्षद रसूलाबाद

Posted By: Inextlive