5 जून 1952 को मुंबई में ही जन्‍में बॉलीवुड के फ‍िल्‍म और टीवी प्रॉड्यूसर मुकेश भट्ट आज 63 साल के हो गए हैं। उम्र के साथ-साथ अनुभव की एक बड़ी खदान जुटा चुके मुकेश अब फ‍िल्‍म इंडस्‍ट्री में स्‍टार्स की जगह को बदलने के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं। दरअसल उनका कहना है कि अब वह वक्‍त आ गया है कि हिंदी सिनेमा के 50 साल पुराने स्‍टार्स पर फोकस करने के बजाए आज के दौर की नई पीढ़ी को मौका दिया जाए। आज के लेटेस्‍ट टैलेंट को ऑन स्‍क्रीन लाकर उन्‍हें प्रमोट किया जाए।

इस मौके पर खोले दिल के राज
फिक्की फ्रेम्स 2015 कॉन्क्लेव के दौरान अपने मन की बात का इजहार करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी फिल्म इंडस्ट्री भविष्य के लिए कुछ खास नहीं कर रही। आज के लिए हमारे पास कई बड़े स्टार्स हैं। यह सभी स्टार्स 50 के आसपास की उम्र के हैं। इस उम्र में भी वह रोमांटिक गाने और फिल्में साइन कर रहे हैं। ऐसे में उनका मानना है कि फिल्म इंडस्ट्री को अब नौजवान स्टार्स को प्रमोट करना चाहिए। आज के यंग टैलेंट को मौका देना चाहिए। उन्हें आगे लाना चाहिए।    
इंडस्ट्री को जोड़ना होगा भविष्य से
आगे उन्होंने कहा कि हमारी इंडस्ट्री को अब भविष्य के लिए खजाना जोड़ना चाहिए, लेकिन यहां कोई ऐसा नहीं कर रहा। मुकेश भट्ट कहते हैं कि हालांकि वह स्टार सिस्टम के खिलाफ नहीं हैं, फिर भी कुछ बातों को ध्यान में रखकर न्यू टैलेंट को अब इंडस्ट्री में लाना ही होगा। गौरतलब है कि बॉलीवुड के इस डायरेक्टर और प्रोड्यूसर ने इंडस्ट्री को कई बेहरतीन फिल्मों का तोहफा दिया है। 'दिल है कि मानता नहीं', 'गुलाम', 'राज' और 'मर्डर' जैसी जबरदस्त फिल्में इंडस्ट्री को मुकेश भट्ट की ही देन हैं। इन फिल्मों ने फिल्म फेयर से लेकर कई अवॉर्ड जीते।   
अपने बैनर तले उठाया है बीड़ा
अपने विशेष फिल्म्स के बैनर तले नए टैलेंट को प्रमोट करने वाले मुकेश कहते हैं कि इंडस्ट्री में उन सबके पास स्टार्स हैं और वह सभी बहुत अच्छे हैं। ये सभी स्टार्स फिल्म में जबरदस्त अभिनय करके डायरेक्टर्स, प्रोड्यूर्सस को 200, 300 करोड़ का बिजनेस कराते हैं। इसके बावजूद अब हमें सेकेंड लाइन की सख्त जरूरत है। नई पीढ़ी के एक्टर्स को अब लाना ही होगा। अब ये संभव कैसे होगा, इसपर तो गौर करके फैसला लेना ही होगा।

Hindi News from Bollywood News Desk

 

Posted By: Ruchi D Sharma