RANCHI: अब झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को एक उपायुक्त द्वारा ठेंगा दिखाने का मामला सामने आया है। धनबाद से जुड़े इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट मनोज मिश्रा ने मुख्यमंत्री जनसंवाद में चार दिन पहले ही कंप्लेन की। लेकिन जनसंवाद ने चुप्पी साधे रखी है।

क्या है मामला

धनबाद के आरटीआई एक्टिविस्ट मधुरेंद्र कुमार सिंह की कंप्लेन के अनुसार, तत्कालीन अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी व वर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ माधुरी कुमारी द्वारा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत राज्य सरकार से प्राप्त राशि का मिसयूज करते हुए बाजार मूल्य से अधिक मूल्य पर मनपसंद सप्लायर से साइंस किट व इलेक्ट्रिक से संबंधित उपकरण खरीदने को बाध्य किया गया। इसके लिए प्रिंसिपल पर भी दबाव डाला गया। आरोप यह भी है कि पर्याप्त लिपिक रहने के बावजूद डीईओ कार्यालय में प्रतिनियोजित करके शशिकांत मिश्रा, सतीश सिंह व मनोज शर्मा से काम करवाया जा रहा है। इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरेन्द्र प्रताप सिंह से शिकायत की। इसके आधार पर उन्होंने व्हाट्सअप के जरिए आवेदनकर्ता को डीसी से मिलने की बात कही। कहा गया कि इस मामले की इनक्वायरी वे करेंगे पर अब तक इस मामले में उपायुक्त की ओर से कोई संज्ञान नहीं लिया गया है।

जनसंवाद में ये मामले भी

बोकारो जिला के चास अंचल में चिरचास अब वार्ड चार में 1968 में एक जमीन खरीदी थी। जिस पर भू माफिया का कब्जा है। इस मामले को मैंने जनसंवाद में डाला। मुझे बिना बताए ही मामले को बंद कर दिया गया।

अशोक कुमार चौधरी, धनबाद

मेरा भाई नाबालिग था। उसे गांव के ही एक ट्रैफिकर ने अगवा कर लिया। वर्ष 2014 की यह घटना है। इस बात को जनसंवाद में भी ले गया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

संजू टोप्पो, रांची

मेरा बेटा धनबाद के मुगमा में पढ़ता है। उसके साथ कुछ लड़कों द्वारा मारपीट की गई थी। इस संबंध में मैंने पहले प्राचार्य फिर जनसंवाद में मामला दर्ज कराया। इसके बाद अचानक मामले को बंद कर दिया गया।

दान बिहारी शर्मा, धनबाद

Posted By: Inextlive