रहने के लिहाज़ से साल 2014 में सिंगापुर दुनिया का सबसे मंहगा शहर है. ये बात इकोनॉमिक इंटेलिजेंस यूनिट ईआईयू के एक सर्वे में सामने आई है.


सिंगापुर की मज़बूत मुद्रा, गाड़ी के रखरखाव का ज़्यादा ख़र्च और मंहगे रहन-सहन की वजह से सिंगापुर 131 शहरों की सूची में सबसे ऊपर है.साथ ही दुनिया में सबसे ज़्यादा मंहगे कपड़े सिंगापुर में मिलते हैं.साल 2013 में इस सूची में टोक्यो शीर्ष पर था लेकिन इस साल टोक्यो छठे स्थान पर है.मंहगाई के लिहाज़ से सूची में सिंगापुर के बाद बाद पेरिस, ऑस्लो, ज़्यूरिख़ और सिडनी का नंबर है.एशियाई देशों का दबदबाईआईयू का वर्ल्डवाइड कॉस्ट ऑफ़ लिविंग सर्वे विस्थापन मापने का एक तरीक़ा है जिसमें न्यूयॉर्क शहर को आधार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. इसमें 400 से ज़्यादा चीज़ों और सेवाओं के दामों का अध्ययन होता है.साल 2014 में इस सूची में चोटी के दस शहरों में एशियाई और ऑस्ट्रेलिशियन शहरों का दबदबा है और कुछ शहर यूरोप के भी हैं.


रिपोर्ट के संपादक जोन कोपस्टेक के मुताबिक़, "संरचनात्मक लिहाज़ से मंहगे यूरोपीय शहरों में बेहतर होते हालात और एशियाई केंद्रों में बढ़ोतरी का मतलब है कि दुनिया के सबसे मंहगे शहर इन दोनों क्षेत्रों से ही होंगे."दुनिया के कई सबसे सस्ते शहर हैं."

सूची में शीर्ष पर ज़्यादातर एशियाई शहरों के होने की वजह ये है कि वहां किराना और सब्ज़ी जैसी रोज़मर्रा के सामान की क़ीमतें बहुत ज़्यादा हैं. खाने-पीने के सामान के लिहाज़ से टोक्यो अब भी सबसे मंहगा शहर है.सस्ता भारतलेकिन हर एशियाई शहर इतना मंहगा नहीं है."मंहगे यूरोपीय शहरों में बेहतर होते हालात और एशियाई केंद्रों में बढ़ोतरी का मतलब है कि दुनिया के सबसे मंहगे शहर इन दोनों क्षेत्रों से ही होंगे. लेकिन एशिया में और ख़ासकर भारतीय उपमहाद्वीप में दुनिया के कई सबसे सस्ते शहर हैं."-जोन कोपस्टेक, संपादक, इक्नॉमिक इंटेलिजेंस यूनिटभारत के दो मुख्य शहर, मुंबई और नई दिल्ली, दुनिया में सबसे  सस्ते शहरों में शुमार हैं.मुंबई में क़ीमतों के कम होने की वजह आमदनी में बहुत ज़्यादा अंतर होना है. शहर में रहने वाले बहुत से लोगों की कम आमदनी और सरकारी सब्सिडियों की वजह से ये लोग कम ख़र्च करते हैं.भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर सीरिया की राजधानी दमिश्क़ दुनिया का चौथा सबसे सस्ता शहर है. वहां लगातार गिरती क़ीमतों के कम होने की वजह देश में जारी गृहयुद्ध है.जहां ईआईयू का सर्वे जीवनयापन के लिए होने वाले ख़र्च पर आधारित है, वहीं दूसरी कंपनियां अध्ययन के अलग तरीक़ों का इस्तेमाल करती हैं.

मर्सर का अध्ययन दुनिया में प्रवासियों के लिए सबसे महंगे शहरों के बारे में होता है. इसके मुताबिक़ साल 2013 में अंगोला का लुआंडा शहर प्रवासियों के लिए सबसे मंहगा शहर था. इसकी वजह वहां सुरक्षित घर ढूंढने की परेशानी और आयातित चीज़ों की ऊंची क़ीमत थी.

Posted By: Subhesh Sharma