मुंबई के बांद्रा से विरार और सायन से ठाणे तक ऑटो हड़ताल से आम लोगों के यातायात में थोड़ी दुश्‍वारियां आई हैं। लेकिन इसमें परेशान होने की कोई बात नहीं है क्‍योंकि इस हड़ताल में मुंबई ऑटो यूनियन औंर शिवसेना ने भाग नहीं लिया है। ऐसे में रोजाना ऑटो से ट्रेवल करने वाले ज्‍यादा परेशान ना हों।


मुंबई ऑटो हड़ताल का मिलाजुला असरमुंबई में कल से शुरु हुई ऑटो हड़ताल का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है। बांद्रा से विरार और सायन से ठाणे के बीच सफर करने वालो लोंगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन मुंबई ऑटो यूनियन और शिवसेना के इस हड़ताल में भाग ना लेने की वजह से सड़क पर हड़ताल का ज्यादा असर देखने को नहीं मिल रहा है। हड़ताल में इक्का-दुक्का रिक्शा चालकों को अच्छा फायदा होता दिख रहा है तो वो मुसाफिरों के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो रहे हैं। अगर आंकड़ों को देखा जाए तो इस हड़ताल से मुंबई की सड़कों से 85 हजार ऑटो गायब हैं। वहीं मुंबई बस सेवा बेस्ट और टेक्सी कंपनियों ने लोगों की मुश्किलें कम करने की कोशिश की है। क्यों शुरु हुई हड़ताल
ऑटो हड़ताल घोषित करने वाली यूनियन का कहना है कि टैक्सी कंपनियों जैसे उबेर, ओला और मेरु के पास टैक्सी परमिट ना होकर टूरिस्ट परमिट है। इसके बावजूद यह कंपनियां ऑटोवालों की तरह लोगों को इधर से उधर ले जा रही हैं। इन कंपनियों को मोबाइल एप के जरिए बुक किया जा सकता है। इस वजह से ऑटोवालों को बेहद नुकसान हो रहा है। इसके साथ ही हकीम कमेटी की रिपोर्ट में किराया बढ़ाए जाने से संबंधी सुझावों को लागू कराया जाए।

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Posted By: Prabha Punj Mishra