#UdtaMumbai! नशे का यह आंकड़ा देखेंगे तो भूल जाएंगे #UdtaPunjab
आंकड़ों के हिसाब से देखा जायें तो पंजाब बेशक शीर्ष पर है। जहां 2012 के आंकड़ों के हिसाब से पंजाब में 10,220 मामले रिकॉर्ड किए गए थे वहीं 2014 में ये आंकड़ा 14,483 पर पहुंच गया। अब तो ये गिनती और भी ऊपर जा चुकी है। इसके बावजूद अब खतरा महज पंजाब तक सीमित नहीं रह गया है।
मुंबई है बस आसपास
अब अगर ड्रग रिलेटेड क्राइम्स की बात हो रही है तो आप को बता दें महाराष्ट्र भी पंजाब से बहुत पीछे नहीं है। बल्कि अगर आंकड़ों की मानें तो अकेला मुंबई ही पूरे पंजाब की बराबरी करने को तैयार है। 2012 में मुबई बेहद पीछे था पर महज दो साल में 2014 के आंकड़ों के हिसाब से वो पूरे पंजाब स्टेट की बराबरी करने को तैयार हो गया। महाराष्ट्र में कुल 14,622 ड्रग्स से संबंधित मामले दर्ज हुए जिसमें से 14,274 अकेले मुंबई के हैं। क्या अब कोई उड़ता मुबई मूवी बनायेगा।
उत्तर प्रदेश है तीसरे नंबर पर
इसके बाद तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश का नाम है जहां सबसे ज्यादा ड्रग्स का असर देखा जा रहा है। 2012 के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश के कानपुर में मुंबई और दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा ड्रग्स से संबंधित अपराध दर्ज किए गए थे। इनकी संख्या तकरीबन 551 थी।
चोंकाने वाली बात ये है कि 2012 की इस सूची में 1,402 ड्रग्स संबंधित अपराधों के साथ तमिलनाडु चौथा राज्य बर कर उभरा।
राजस्थान भी इस मामले में अछूता नहीं है। इसका कोटा शहर 2012 के आंकड़ों में चौथे नंबर पर था जब यहां 242 मामले दर्ज हुए थे। वैसे राजस्थान में कुल 1,115 ड्रग्स संबंधित मामले दर्ज हुए थे और टॉप फाइव की लिस्ट में बात करें तो राजस्थान का स्थान इसमें पांचवे नंबर पर रहा।Interesting News inextlive from Interesting News Desk