-एक सप्ताह के अंदर बनानी होगी रोड कटिंग

-स्मार्ट सिटी की एसपीवी को मिली मंजूरी

ALLAHABAD: वित्तीय संकट झेल रहे इलाहाबाद नगर निगम ने अपना खाली खजाना भरने के लिए इलाहाबाद की पब्लिक पर एक और बोझ डाल दिया है। हाउस टैक्स, वाटर टैक्स और सीवर टैक्स वसूलने के बाद भी बेहतर सुविधाएं न दे पाने और विकास कार्यो पर पाबंदी लगाने वाला नगर निगम अब इलाहाबाद की पब्लिक से बैनामे पर शुल्क वसूलेगा। जो भी अब संपत्ति का बैनामा कराएगा उसे नगर निगम का शुल्क भी देना होगा। नगर निगम की कार्यकारिणी ने इस प्रस्ताव को मंजूर कर किया था, रविवार को पूरे मेयर अभिलाषा गुप्ता, नगर आयुक्त देवेंद्र कुमार पांडेय की मौजूदगी में सदन ने भी इस पर मुहर लगा दिया। हंगामे के बीच छह अरब 31 करोड़ 20 लाख छह हजार 826 रुपया का बजट पास कर दिया गया।

एक हजार से दस हजार रुपए होगा बैनामा शुल्क

नगर निगम ने बैनामे पर शुल्क वसूलने का जो प्लान तैयार किया है, उसके तहत शुल्क को छह कैटेगरी में डिवाइड किया गया है। जो एक हजार रुपए से लेकर दस हजार रुपए होगा।

पांच लाख के बैनामे पर एक हजार

पांच से दस लाख पर दो हजार

10 से 15 लाख पर तीन हजार

15 से 20 लाख पर तीन हजार

20 से 50 लाख पर पांच हजार

50 लाख से अधिक पर 10 हजार

खुदाई करने वाले करेंगे रिपेयरिंग

हंगामेदार बहस के दौरान सदन में कुछ पार्षदों ने जगह-जगह रोड काट देने और फिर निर्माण कार्य न कराए जाने का विरोध जताया। जिस पर मेयर की मौजूदगी में यह संकल्प पारित किया गया कि अब शहर में जो भी संस्था कोई काम कराने के लिए सड़क की खुदाई करेगी। वही सड़क का निर्माण करवाएगी। एक सप्ताह के अंदर उसे सड़क को पाटना होगा। काम पूरा होने के बाद सड़क को न पाटने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कमिश्नर होंगे स्मार्ट सिटी योजन समिति के सीईओ

सदन में स्मार्ट सिटी प्लानिंग पर चर्चा हुई। बताया गया कि स्मार्ट सिटी के लिए एक समिति बनाई जानी है। जिसमें सभी विभागों के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा, जिनकी अध्यक्षता में ही काम होगा। जिस पर पार्षदों ने अपनी सहमति दी। निर्णय लिया गया कि एसपीवी यानी विशेष योजन समिति के कमिश्नर सीईओ होंगे और सभी विभागों के अधिकारी अध्यक्ष होंगे।

दिसंबर में आएगी विज्ञापन नीति

दस वर्ष बाद भी आज तक नगर निगम की अपनी विज्ञापन नीति न बनने पर नगर आयुक्त देवेंद्र पांडेय ने रविवार को सदन को बताया कि विज्ञापन नियमावली तैयार हो गई है। प्रिंटिंग के लिए गई है। जल्द ही विज्ञापन नीति सामने आ जाएगी जिसके बाद विज्ञापन वसूली का दायरा और अधिक विकसित हो जाएगा जो नगर निगम की इनकम बढ़ाने में मदद करेगा।

बढ़ाया जाए हमारा भत्ता

सदन में पार्षदों के भत्ता को लेकर काफी बहस हुई। कार्यकारिणी सदस्यों ने जहां वित्तीय संकट को देखते हुए भत्ता न लेने का निर्णय लिया था। वहीं सदन में मौजूद पार्षदों ने विरोध किया। कहा कि भत्ता लेना पार्षदों का अधिकार है। जब घाटे में होने के बाद भी प्रदेश व केंद्र सरकार अपने विधायकों व मंत्रियों का भत्ता बढ़ा रही है तो फिर नगर निगम में कटौती क्यों। पार्षद अशोक सिंह, गिरधारी सिंह और दिनेश गुप्ता ने भत्ता कटौती का विरोध किया।

Posted By: Inextlive