Kanpur : सीपीएमटी एंट्रेंस एग्जाम्स में एक बार फिर मुन्नाभाईयों के ‘अनलिमिटेड नेटवर्क’ का खुलासा उस वक्त हुआ जब मंडे को शासन की तरफ से आई स्पेशल टीम ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मुन्नाभाईयों की मदद से एंट्री पाकर पढ़ाई कर रहे तीन स्टूडेंट्स की पोल खोल दी. जिसके बाद कॉलेज स्तर पर भी चार सदस्यीय टीम ने इंटरनल जांच शुरू कर दी. जांच में सभी फैक्ट्स स्टूडेंट्स के खिलाफ पाए गए हैं जिसके आधार पर उनकी गिरफ्तारी की तैयारी की जा रही है.


कॉलेज लेवल पर भी लिंक हैंएंट्रेंस एग्जाम्स में मुन्नाभाईयों को बैठाने वाले लोगों का लिंक रसूख वालों के साथ ही मेडिकल कॉलेज के कुछ इम्पॉर्टेंट लोगों से भी होता है। सोर्सेज की मानें तो कॉलेज के लोकल लोगों की मदद के बिना स्टूडेंट का एडमिशन हो पाना मुश्किल है। क्योंकि एडमिशन के दौरान स्टूडेंट का बॉयोमैट्रिक टेस्ट कराया जाता है। अगर कोई स्टूडेंट इस टेस्ट को क्लीयर करके एडमिशन पा लेता है, तो यकीनन इसके पीछे कॉलेज मैनेजमेंट के किसी इम्पलॉई का हाथ होता है।स्टूडेंट्स ही बनते हैं सॉल्वर्स
सीपीएमटी एग्जाम्स में मुन्नाभाईयों के पूरे नेक्सस में इनवॉल्व सॉल्वर्स और दलालों के लिंक फेमस मेडिकल कॉलेजों से रहते हैं। ये ऐसे कॉलेज हैं, जिनके बारे में सुनकर पहली बार तो विश्वास करना मुश्किल होगा। लेकिन सोर्सेज के अनुसार इस नेटवर्क की कमान संभालने वाले मास्टर माइंड के लिंक आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज, सैफई मेडिकल कॉलेज, उत्तराखंड के पंतनगर वेटनरी कॉलेज, गोरखपुर मेडिकल कॉलेज, लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज और एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स से हैं। शॉकिंग फैक्ट ये है कि इन कॉलेजों के फस्र्ट और सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स सिर्फ सीपीएमटी ही नहीं बल्कि कई दूसरे एंट्रेंस एग्जाम्स में दूसरे बच्चों के स्थान पर पेपर देते हैं। इसके लिए उन्हें मोटी रकम दी जाती है।हर साल होता है ‘खेल’सीपीएमटी एग्जाम से पहले ही मुन्नाभाईयों का नेटवर्क सक्रिय हो जाता है। इस नेटवर्क में कानपुर के अलावा इन एग्जाम्स में दूसरे शहरों के मुन्नाभाई भी शामिल होते हैं। सिटी की कोचिंग मंडी काकादेव के सॉल्वर्स में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के फस्र्ट और सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स शामिल रहते हैं।रसूख वालों तक पहुंचमुन्नाभाईयों का नेटवर्क हैंडल करने वाले मास्टर माइंड की पहुंच रसूख वालों तक है। जिसमें एडमिनिस्ट्रेटिव और पॉलिटिकल दोनों ही तबके शामिल हैं। अगर कोई स्टूडेंट इनकी बातों में नहीं आता है तो नेक्सेस से जुड़े लोग अपने रसूख और ऊपर तक की पहुंच का हवाला देकर राजी कर लेते हैं। ये लोग स्टूडेंट्स को इस बात का विश्वास दिलाते हैं कि अगर वो पकड़े भी गए तो घबराने की जरूरत नहीं है। वो इस मैटर को भी संभाल लेंगे।

Posted By: Inextlive