KANPUR: जरायम की दुनिया में अभी तक स्मैक, चरस, चमड़ा और असलहों के गोरखधंधे को लेकर गैंगवार होती रही है। जिसमें कई शातिर जान भी गवां चुके हैं। लेकिन पहली बार शहर में सट्टे के कट(कमीशन)के लिए मर्डर किया गया है। जी हां, चमनगंज में बुधवार रात मीनू नाम के युवक की हत्या की गई थी उसकी असली वजह सट्टे का कट न मिलना था। हत्यारों ने पूरी प्लानिंग के साथ वारदात को अंजाम दिया और कटिया विवाद में हत्या की अफवाह फैला दी। पुलिस की शुरुआती जांच में दो हिस्ट्रीशीटर का नाम सामने आया है। कट को लेकर हुए मर्डर के बाद सट्टा मण्डी में खलबली मची है। कुछ सटोरियों ने तो अपना डिब्बा बन्द कर दिया है। इलाके में तनाव बना हुआ है।

कमाई का सबसे बड़ा जरिया

इस समय सट्टाबाजार कमाई का सबसे बड़ा जरिया बन गया है। चरस, स्मैक और असलहे के गोरखधंधे से ज्यादा सट्टे में कमाई हो रही है। जिसे देख ज्यादातर क्रिमिनल दूसरे गोरखधंधे छोड़कर सट्टे में हाथ आजमा रहे हैं। लेकिन धंधे की सीनियर प्लेयर्स नए लोगों को इसमें जमने नहीं देना चाहते। इसीलिए आए दिन विवाद होता रहता है। चमनगंज में घर के बाहर युवक का मर्डर भी अचानक हुई घटना नहीं बल्कि सोची समझी साजिश का अंजाम है।

चलती थी रंजिश

चमनगंज में रहने वाले रिटायर्ड टीचर मो। अजीज के बेटे अर्शी अजीत उर्फ मीनू की बुधवार की देर रात को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसमें उसके पड़ोसी शेखू का नाम सामने आया था, लेकिन परिजनों और इलाकाई लोगों के मुताबिक उसके साथ दो हिस्ट्रीशीटर भी थे। उस समय बिजली कटौती होने से इलाके में लाइट नहीं आ रही थी। जिसकी वजह कटिया विवाद में हत्या की अफवाह उड़ा दी गई। इलाकाई लोगों के मुताबिक दो हिस्ट्रीशीटर्स से मीनू की जमीनी रंजिश चलती थी। मीनू इलाके में ब्00 वर्गगज के एक विवादित प्लाट को खरीद रहा था। जिसमें दोनों हिस्ट्रीशीटर की नजर थी। उन लोगों ने उसको प्लाट के पचड़े में न पड़ने की हिदायत भी दी थी। इस रंजिश में सट्टे ने आग में घी का काम किया।

आईपीएल से की थी अच्छी कमाई

सोर्सेज के मुताबिक मीनू का सटोरियों से कनेक्शन था। वह खुद भी सट्टा लगवाता था। आईपीएल मैच में उसको अच्छी कमाई हुई थी। जिससे वह प्लाट खरीद रहा था। जिसका पता चलने पर दोनों हिस्ट्रीशीटर ने उससे सट्टे के मुनाफे में कट (हिस्सा) मांगा था, लेकिन उसने कुछ भी देने से मना कर दिया था। जिसको लेकर उनके बीच कहासुनी भी हुई थी। दोनों ने उसको धमकी भी दी थी, लेकिन वह कट देने के लिए तैयार नहीं हुआ। इसी रंजिश में दोनों ने प्लानिंग के तहत उसका मर्डर कर दिया। शेखू उसके घर के करीब रहता था। इसलिए दोनों ने उसको प्लान में शामिल किया था। उसने मीनू को घर पर देखने के बाद दोनों को सूचना दी। जिसके बाद उन लोगों ने वहां पहुंचकर वारदात को अन्जाम दिया।

कट के बदले पेमेंट

दोनों हिस्ट्रीशीटर चमनगंज, बेकनगंज, नई सड़क, तलाक महल समेत आसपास के इलाकों के सटोरियों से कट लेते हैं। जिसके एवज में वे सटोरियों का रुपया डूबने पर संबंधित कस्टमर को धमका कर उसका पेमेंट दिलाते हैं। साथ ही वे सटोरियों को प्रोटेक्शन देते हैं। उनके नाम की दहशत से कोई भी कस्टमर उनसे बेईमानी करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता, बल्कि वे कस्टमर के मोटी रकम जीतने पर सौदे से मुकर जाते हैं और पेमेंट नहीं देते हैं। इधर, मीनू के कट न देने पर दोनों की और सटोरियों के सामने हनक कम हो रही थी। जिससे उनके बीच रंजिश और बढ़ गई।

खुद रहते हैं पर्दे के पीछे

शहर के ज्यादातर क्रिमिनल अंधी कमाई को देखकर सट्टे का गोरखधंधा करने लगे थे, लेकिन वे फ्लाप हो गए। उनकी दहशत की वजह से कोई कस्टमर उनसे सौदा नहीं करता है। जिसे देख वे दूसरों से सट्टा खिलवाते हैं और खुद पर्दे के पीछे रहते हैं। जब कोई कस्टमर्स पेमेंट देने से मना करता है, तो वे सामने आकर कस्टमर से जबरन पेमेंट ले लेते हैं। वे सटोरियों को रुपए, मोबाइल, लैपटॉप और बैठने की जगह भी मुहैया कराते हैं।

खतरा कम और मुनाफा कई गुना

शहर के ज्यादातर क्रिमिनल्स पहले चरस, स्मैक समेत अन्य अवैध धंधे से जुड़े थे। जिसमें पकड़े जाने पर उनको सालों जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ता था। उनकी जमानत कराने के लिए गुर्गो को हाईकोर्ट के चक्कर लगाने पड़ते थे। इसमें लम्बी सजा सुनाए जाने का भी खतरा रहता है। जिससे वे सट्टे के गोरखधंधे में जुड़ गए है। इसमें उनको पकड़े जाने का खतरा कम रहता है। अगर वे पकड़े भी जाते हैं, तो उनको कुछ महीने में जमानत मिल जाती है और वे जेल के बाहर आ जाते हैं। जिसके बाद वे दूसरे इलाके में सट्टा खिलवाने लगते हैं। वहीं, ज्यादातर क्रिमिनल्स अपने गुर्गो या दूसरे सटोरियों के साथ प्राटर्नशिप करके ये गोरखधंधा कर रहे हैं, तो वे पकड़े भी नहीं जाते हैं। वे पर्दे के पीछे से सब ऑपरेट करते हैं।

विवादित प्लॉट से बनी तिगड़ी

जरायम की दुनिया में दोनों हिस्ट्रीशीटर्स का छत्तीस का आंकड़ा था, लेकिन चमनगंज के नाला रोड के पास ब्00 वर्ग गज के विवाद प्लाट को लेकर दोनों में दोस्ती हो गई। यह प्लाट शेखू के घर के पास है, इसलिए उन लोगों ने शेखू को भी अपने साथ शामिल कर लिया। जिसके बाद ये तिगड़ी बन गई। तीन प्लाट पर कब्जा करने की फिराक में थे। इसके लिए वे पिछले कई दिनों से कचहरी के चक्कर भी लगा रहे थे। उनकी दशहत की वजह से प्लाट को कोई खरीद नहीं रहा था। जिसके चलते प्लाट मालिक उसको आधे से कम दाम पर बेच रहा था। जिसका ऑफर मिलने पर मीनू तैयार हो गया था। तीनों ने मीनू को प्लाट से दूर रहने की धमकी भी दी थी, लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया था।

जिला बदर के बाद भी घर पर

चमनगंज में मीनू के मर्डर में दो हिस्ट्रीशीटर का नाम सामने आया है। इलाकाई लोगों के मुताबिक उनको लोकसभा चुनाव को देखते हुए जिला बदर कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी वे घर पर रह रहे थे। कुछ इलाकाई लोगों ने दबी जुबान में बताया कि उनकी तो पुलिस से सेटिंग है। वे पुलिस वालों के साथ घूमते है, तो उनको कौन पकड़ेगा। इसीलिए घटना में उनका नाम दबाया जा रहा है।

हत्यारोपी के घर तोड़फोड़

गुरुवार को युवक का शव पोस्टमार्टम से घर पहुंचा, तो परिजनों को रोते-बिलखते देख इलाकाई लोग भड़क गए। उन्होंने हत्यारोपी के फ्लैट पर धावा बोलकर सारा सामान तोड़ दिया। सूचना पर आला ऑफिसर समेत कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची, तो भीड़ ने घेर लिया और नारेबाजी कर दी। ऑफिसर्स ने लोगों को समझाकर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया, तो वे शान्त हुए। जिसके बाद उसका अन्तिम संस्कार किया गया।

'शव को देखकर कुछ इलाकाई लोग आक्रोशित हो गए थे, लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाल लिया था। परिजनों ने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। पुलिस टीम उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। जल्द ही उनको पकड़ लिया जाएगा। हत्या में और कौन शामिल था। यह विवेचना के बाद भी पता चलेगा। '

-एसओ चमनगंज

Posted By: Inextlive