-पुलिस को गुमराह करने के लिए खेला गया खेल

-आंवला में विशंभर मर्डर केस का पुलिस ने किया खुलासा

बरेली : आंवला के रहगांव में लापता 15 वर्षीय विशंबर की हत्या अवैध संबंधों में उसके गांव के ही रिश्तेदार ने की थी। विशंबर की हत्या मफलर से गला घोंटकर की गई थी और शव को खेत में गड्ढा खोदकर दबा दिया गया था। जब शक के आधार पर पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो हत्यारोपियों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए गड्ढा खोदकर मृतक के शव से शर्ट निकालकर नदी किनारे फेंक दी और फिर से शव को दबा दिया था। पुलिस ने वारदात का खुलासा करते हुए मेन आरोपी समेत दो को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस फरार चल रहे तीसरे आरोपी की तलाश कर रही है। पुलिस ने हत्यारोपियों की निशानदेही पर संडे को शव भी बरामद कर लिया था।

17 दिसंबर से था लापता

एसपी क्राइम रमेश कुमार भारतीय ने पुलिस लाइंस में प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि रहगांव निवासी श्याम सिंह का 15 वर्षीय बेटा विशंबर 17 दिसंबर 2018 से लापता हो गया था। उसके पिता ने तलाश किया तो पता चला कि वह गांव से ई-रिक्शा में सवार होकर सरगम टॉकिज आंवला तक गया था। उसके बाद से उसका फोन स्विच ऑफ जा रहा था। 19 दिसंबर को श्याम सिंह ने उसकी गुमशुदगी आंवला थाना में दर्ज करायी थी। पुलिस ने 28 दिसंबर को अज्ञात के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर लिया था।

बदनामी की बात कह कर भड़काया

पुलिस ने मामले के खुलासे के लिए गांव में सादी वर्दी में पुलिस तैनात की तो पता चला कि विशंबर का गांव के ही जितेंद्र की पत्‍‌नी से अवैध संबंध हैं। जितेंद्र ने इसको लेकर कई बार पत्‍‌नी की पिटाई की थी और उसने विशंबर को भी मना किया था, लेकिन वह नहीं माना। इसकी वजह से जितेंद्र की काफी बदनामी हो रही थी। जितेंद्र के चाचा आराम सिंह का विशंबर के पिता श्याम सिंह से बंटाई को लेकर भी विवाद चल रहा था। इसी के चलते उसने जितेंद्र व उसके ममेरे भाई विजेंद्र को बदनामी की बात कहकर भड़काया और हत्या की प्लानिंग की।

ब्लड के बारे में नहीं बता सका

जितेंद्र का ममेरा भाई विजेंद्र चीनी मिल में काम करता है। प्लान के तहत विजेंद्र ने विशंबर को नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया और फिर उसे खेतों के रास्ते अपने गांव नंदगांव विशारतगंज ले गया। वह उसे अपने खेत में लेकर गया और फिर तीनों ने मिलकर उसका मफलर से गला घोंट दिया और उसे खेत के अंदर गाड़ दिया। जब पुलिस ने शक के आधार पर जितेंद्र को पकड़कर पूछताछ की तो आराम सिंह ने उससे कहा कि वह पुलिस को बता दे कि उसने शव को बोटी-बोटी कर नदी में फेंक दिया है। शव निकालकर उसकी शर्ट को भी वहीं पर फेंक दे। वह उसे जमानत पर छुड़ा लेंगे। चाचा की बात मानकर उसने गडढा खोदकर विशंभर की शर्ट निकाली और शव को वापस दबाने के बाद शर्ट नदी के किनारे फेंक दी, लेकिन जब पुलिस ने ब्लड के बारे में पूछा तो उसने पूरा राज उगल दिया।

18 वर्ष पहले पिता-दादा गए जेल

सीओ आंवला आलोक कुमार अग्रहरि ने बताया कि जितेंद्र के पिता और दादा भी ऑनर किलिंग के मामले में 18 वर्ष पहले जेल जा चुके हैं। जितेंद्र की बुआ के किसी से अवैध संबंध थे। इस मामले में आराम सिंह भी आरोपी था, लेकिन वह बच गया था। उसके दादा की जेल में मौत भी हो चुकी है और पिता अभी भी जेल में है।

Posted By: Inextlive