एडीजी के आदेश पर लखनऊ से आएगी एक्सपर्ट की टीम, बनारस में होगा नाट्य रूपांतरण

शहर की हाई प्रोफाइल लेडी डॉक्टर रीना सिंह की मौत की उलझी गुत्थी को सुलझाने की कवायद

VARANASI:

शहर की हाई प्रोफाइल लेडी डॉक्टर रीना सिंह की मौत की उलझी गुत्थी को लखनऊ से आने वाली एक्सपर्ट की टीम सुलझाने का प्रयास करेगी। एक्सप‌र्ट्स रीना के ससुराल स्थित टैगोर टाउन घर पर नाट्य रूपांतरण के जरिए केस को परखेंगे। रीना ने सुसाइड किया या फिर उन्हें छत से पति डॉ। आलोक सिंह ने फेंका? सुसाइड नोट रीना ने लिखा या किसी दूसरे ने? सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ सहित अन्य साक्ष्यों से हुई छेड़छाड़ की सच्चाई पता लगाने के लिए बनारस पुलिस ने एडीजी ब्रज भूषण के निर्देश पर एक्सपर्ट का सहारा लिया है। यह पहला मामला होगा जब किसी केस का नाट्य रूपांतरण किया जाएगा।

घटनास्थल की दोबारा जांच

एडीजी ब्रज भूषण ने नए सिरे से जांच का आदेश एसएसपी आनंद कुलकर्णी को दिया है। केस का निष्पक्ष जांच और रिक्रिएशन पर जोर देते हुए एडीजी ने कहा कि जल्द से जल्द मामले को खोला जाए। आदेश का पालन करते हुए एसएसपी आनंद कुलकर्णी, एएसपी डॉ। अनिल कुमार और मृतका के मायके वाले मंगलवार को घटनास्थल पर पहुंचे और तफ्तीश की। हालांकि घटना के सातवें दिन भी आरोपी पति डॉ। आलोक सिंह पुलिस की पकड़ से दूर हैं।

बुआ के यहां नोएडा में बेटियां

डॉ। रीना सिंह की दो जुलाई को हुई मौत के बाद बेटियों को डॉ। आलोक के जीजा एमपी सिंह अपने साथ ले गए। परिजनों के अनुसार अभी दोनों बेटियां जागृति और संस्कृति नोएडा में अपनी बुआ के यहां हैं। रीना के परिजनों के अनुसार कैंट पुलिस के नॉलेज में सबकुछ है। लेकिन डॉ। आलोक कहां है यह पुलिस को नहीं मालूम। कैंट पुलिस की भूमिका भी संदेह के दायरे में है।

फुटेज से ही संतुष्ट हैं इंस्पेक्टर

रीना ने आत्महत्या की या उन्हें नीचे फेंका गया, इस पर कैंट इंस्पेक्टर ज्यादा जोर नहीं देना चाहते हैं। कैंट इंस्पेक्टर राजीव सिंह का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज से ही सब कुछ क्लीयर है, फिर भी जांच की जा रही है। फुटेज में दिख रहा है कि दो जुलाई की भोर में साढ़े तीन बजे आलोक अपने रूम में गए और सुबह छह बजे के करीब निकले तो रीना नीचे गेट के पास बाहर पड़ी हुई थीं। उन्हें उठाकर बाहर ले जाते हुए दिखे हैं।

आलोक के जीजा डाल रहे खलल

रीना के मायके वालों की मानें तो पुलिसिया कार्रवाई में डॉ। आलोक सिंह के जीजा आईएएस एमपी सिंह अपना प्रभाव दिखा रहे हैं। लखनऊ विकास प्राधिकरण के कार्यवाहक उपाध्यक्ष एमपी सिंह पर उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के पहले दिन से ही वे पुलिस पर दबाव बनाये हुए हैं। यही कारण रहा कि दो दिन में ही कैंट इंस्पेक्टर विजय बहादुर सिंह को हटाकर पुलिस लाइन में पड़े राजीव सिंह को इंस्पेक्टर बनाया गया।

Posted By: Inextlive