न्यूयॉर्क पुलिस को कोर्ट लेकर गए मुसलमान
न्यू जर्सी की केंद्रीय अदालत में न्यूयॉर्क पुलिस विभाग के खिलाफ़ दायर किए गए इस मुकद्दमे में आठ मुसलमानों ने आरोप लगाए हैं कि उन पर गैरकानूनी ढंग से उनके धर्म को आधार बनाकर उनकी निगरानी की गई, जो अमरीकी संविधान का उल्लंघन है।
मुकद्दमा दायर करने वाले मुसलमानों में एक मस्जिद के ईमाम, एक अमरीकी फ़ौजी और एक छात्र। इसके अलावा एक आम नागरिक ने भी ये मुकद्दमा दायर किया हैं। मुकद्दमे दायर करने वालों में मोइज़ मोहम्मद नाम का एक छात्र भी शामिल हैं। मोइज़ मोहम्मद न्यू जर्सी की रटगर्स यूनिवर्सिटी के छात्र हैं और वे एक मुसलमान छात्र संस्था मुसलिम स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सदस्य भी हैं।मोइज़ मोहम्मद कहते हैं,“मैं तो कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं। अपने इलाके में सभी के साथ अच्छे संबंध रखता हूं। मुझे भी न्यूयॉर्क पुलिस ने खुफ़िया निगरानी का निशाना बनाया, जो सरासर नाइंसाफ़ी है। हम तो अन्य अमरीकियों की तरह ही अपने धर्म के हिसाब से जीवन व्यतीत करते हैं.”
निगरानीहाल ही में अमरीकी समाचार एजेंसी ने न्यूयॉर्क पुलिस विभाग द्वारा न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के मुसलमानों, उनकी मस्जिदों और उनके स्कूलों समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर खुफ़िया निगरानी रखे जाने के गुप्त कार्यक्रम का पर्दाफ़ाश किया था।
इस कार्यक्रम के तहत मस्जिद के पेश इमाम और यूनिवर्सिटी के छात्रों पर भी खासकर निगरानी रखी गई। उसके बाद से न्यू जर्सी और न्यू यॉर्क के बहुत से मुसलमान न्यू यॉर्क पुलिस विभाग के खुफ़िया कार्यक्रम के खिलाफ़ सख्त विरोध जता रहे हैं।लेकिन पुलिस विभाग का कहना है कि इस तरह के निगरानी कार्यक्रम के ज़रिए न्यूयॉर्क समेत अमरीकी शहरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलती है, और यह कार्यक्रम कानून के दायरे में ही रहकर चलाया जाता है। पुलिस विभाग का कहना है कि ये कार्यक्रम बंद नहीं किया जाएगा।न्यू जर्सी में दायर इस मुकद्दमे के बारे में न्यूयॉर्क पुलिस विभाग के प्रवक्ता पॉल ब्राउन कहते हैं, “न्यूयॉर्क पुलिस विभाग की न्यू जर्सी में कार्रवाई कानून के मुताबिक है और सही है। हमारी कोशिश है कि न्यू जर्सी, न्यूयॉर्क और विश्व भर में इस तरह की कार्रवाई के ज़रिए ये सुनिश्चित किया जा सके कि आतंकवादी न्यूयॉर्क में आकर फिर से कत्लेआम न कर सकें.”उम्मीदन्यू जर्सी में इस मुकददमे के ज़रिए पहली बार मुसलमान लोग न्यूयॉर्क पुलिस विभाग द्वारा व्यापक पैमाने पर खुफ़िया निगरानी किए जाने के मामले को चुनौती दे रहे हैं। बहुत से मुलमानों को उम्मीद है कि अदालत इस मामलें में उनके रूख को समझेगी।
अमरीका में मुसलमानों को कानूनी मदद देने वाली एक संस्था ‘मुसलिम एडवोकेट्स’ के वकील इस मुकद्दमें की पैरवी कर रहे हैं। इस संस्था की निदेशक फरहाना खेड़ा कहती हैं,“ हमें उम्मीद है कि अदालत भी इस मामले में उसी प्रकार का रूख रखेगी जैसे मुसलमानों का रूख है कि हज़ारों मुसलमान अपने जीवन यापन के लिए रोज़मर्रा के काम करते हैं औऱ उन पर पुलिस द्वारा गैरकानूनी ढंग से निगरानी रखी जाती है.”न्यू जर्सी के इन मुसलमानों द्वारा मुकद्दमा करने का फैसला तब किया गया जब पिछले महीने न्यू जर्सी के अटर्नी जनरल ने न्यूयॉर्क पुलिस द्वारा न्यू जर्सी में आकर मुसलमानों की खुफ़िया निगरानी करने को सही ठहराया था।