आजकल आपके पास ऑनलाइन एक्सप्लोर करने के लिए बहुत कुछ है। चाहे स्टडी मैटीरियल सर्च करना हो या फिर फ्रेंड्स से कनेक्ट रहने के लिए इसका इस्तेमाल क्यों न करना हो? पर जरा ठहरें। अगर इंटरनेट ब्राउजिंग के दौरान सावधानी न बरती जाए तो यह कई बार खतरनाक भी साबित हो सकता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि ऑनलाइन ब्राउजिंग के दौरान स्मार्ट सर्फिंग कैसे की जाए?

पासवर्ड गेम में रहें आगे
कानपुर। खुद को ऑनलाइन सुरक्षित रखने का पहला उपाय यही है कि पासवर्ड को कभी भी सिंपल न रखें। इसे हमेशा स्ट्रॉन्ग बनाना चाहिए। इसके लिए आप चाहें, तो किसी पसंदीदा गाने की लाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर फिल्म या नाटक के नामों को पासवर्ड के रूप में चुन सकते हैं। नंबर, सिंबल और लेटर्स को आपस में एक साथ इस्तेमाल करके भी स्ट्रॉन्ग पासवर्ड बनाया जा सकता है।

न रखें एक जैसा पासवर्ड
अपने सभी एकाउंट्स के लिए कभी भी एक जैसा या एक पासवर्ड इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि अगर किसी को आपके एक एकाउंट का पासवर्ड पता चल गया, तो वह आपके बाकी एकाउंट्स में भी सेंध लगा सकता है।

साइन-इन व लॉग-आउट का रखें ख्याल
कई बार आप इंटरनेट सर्फिंग के लिए साइबर कैफे जाते हैं। लेकिन वहां जिस कंप्यूटर पर बैठते हैं, उस पर कभी भी अपने एकाउंट को साइन-इन करके न छोड़ें और न ही अपनी लॉग डिटेल को कभी सेव करके रखें। कोशिश करें कि जब भी अपनी सीट से उठकर कहीं जाएं, तो उसे लॉक मोड में कर दें। इसके अलावा, एक सुरक्षित तरीका यह भी है कि एकाउंट या ब्राउजर यूज करने के बाद उसे तुरंत बंद कर दें। बेवजह हर समय उसे खोलकर न रखें।

जरूरी है सेफ सर्च
अगर आप चाहते हैं कि घर पर सेफ तरीके से इंटरनेट का इस्तेमाल करें, तो फिर सेफ सर्च ऑप्शन ही आपके लिए बेहतर होगा। यह टूल सर्च के दौरान खुद ब खुद खतरनाक कंटेंट को फिल्टर कर देता है।इंटरनेट सर्च के दौरान आपत्तिजनक कंटेंट से दूर रखने के लिए सेफ सर्च टूल के ऑप्शन को ऑन रखें।

जांच-परख कर खोलें साइट्स
किसी भी वेबसाइट को बिना अच्छे से जांचे-परखे, उस पर विजिट नहीं करना चाहिए। इसके लिए आप दो चीजें कर सकते हैं। पहला, यह देखें कि यूआरएल यानी वेबसाइट का एड्रेस HTTPS से शुरू हो रहा है या नहीं। अगर एचटीटीपीएस है, तो समझें कि वेबसाइट सिक्योर है। ब्राउजर में यदि पैडलॉक या लॉकइन का आइकन बना है, तो इससे भी साइट के सेफ होने का अनुमान लगा सकते हैं।

टू-स्टेप वेरिफिकेशन
टू-स्टेप वेरिफिकेशन ऑप्शन से गूगल एकाउंट को ज्यादा सिक्योर रख सकते हैं। इसके लिए गूगल या दूसरे ऑनलाइन अकाउंट्स की सेटिंग्स में जाना होगा। जहां अपने मोबाइल नंबर या अदर ईमेल को लिंक करना होता है। यह ऑप्शन ऑन करने के बाद कोई भी व्यक्ति पासवर्ड जानने के बावजूद, आपका अकाउंट किसी अंजान सिस्टम या स्मार्टफोन पर लॉगइन नहीं कर पाएगा।

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Posted By: Chandramohan Mishra