Meerut: आजकल एनसीआर के बदमाशों में काफी म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग हो गई है. वो एक दूसरे से मिलकर काम कर रहे हैं. मेरठ के बदमाश दूसरे जिलों के बदमाशों से कांटेक्ट करके वारदात को अंजाम दे रहे हैं. वहीं मेरठ में दूसरे जिलों के बदमाश वारदात कर रहे हैं. कई वारदातों में पकड़े गए बदमाश इस शहर के नहीं हैं. वहीं पास के जिलों में पकड़े जाने वाले बदमाश हमारे मेरठ के रहे हैं.


बदमाशों की स्थिति
मेरठ रेंज की बात करें तो छह जिलों में बदमाशों की संख्या हजारों में है। गाजियाबाद में बदमाशों के गैंग सबसे अधिक हैं। जहां रजिस्टर्ड गैंग्स की संख्या 158 है। इसके बाद गौतमबुद्ध नगर में रजिस्टर्ड बदमाशों के गैंग पूरे सौ हैं। हापुड़ में रजिस्टर्ड गैंग 49, मेरठ में 41, बुलंदशहर में 42 और बागपत में 16 बदमाशों के गैंग हैं। कुल मिलाकर 406 गैंग रेंज में हैं। इन गैंग से अलग भी सैकड़ों बदमाश वारदात कर रहे हैं। जिनको गैंग की संज्ञा देने में पुलिस को सोचना पड़ रहा है। नए-नए बदमाश उभर रहे हैं। ऐसे में करीब साढ़े तीन हजार बदमाशों से मेरठ रेंज भरा पड़ा है.

दूसरे जिले के बदमाशों से संपर्क
एनसीआर और आसपास के जिलों के बदमाश एक दूसरे से मानो मिल गए हैं। गाजियाबाद, बुलंदशहर, बागपत, मेरठ, हापुड़, अमरोहा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के बदमाश एक दूसरे के संपर्क में रहते हैं। जो वारदात को अंजाम देकर निकल जाते हैं। आजकल बदमाश अपने जिले में वारदात करने से बचते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि वे अपने ही जिले में साफ सुथरा रहना चाहते हैं.

गाजियाबाद में पकड़े गए
गाजियाबाद में चार फरवरी को वाहन चोरों का गैंग पकड़ा गया। चार बदमाश पकड़े गए और इनसे 18 बाइक, दो स्कूटी, एक तमंचा और एक चाकू बरामद किया गया। पकड़े गए इन चारों बदमाशों में तीन मेरठ के थानों से लिंक रखते हैं। इनमें नौचंदी थाना क्षेत्र के जैदी फॉर्म का रहने वाला मोहसीन उर्फ भूरा पुत्र  मो। उमर, परतापुर के काजमाबाद बूंद का रहने वाला सचिन चौधरी पुत्र सुनील और मोहिद्दीनपुर परतापुर का पंकज पुत्र विजय है।

बुलंदशहर में धरे गए
बुलंदशहर के थाना कोतवाली देहात में भी चार फरवरी को मेरठ के बदमाश पकड़े गए, जो लूट और चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं। चारो बदमाश सरधना एरिया के हैं। इनके पास से लूटा गया कॉपर वायर, नकदी और तमंचे बरामद किए गए। पकड़े गए बदमाशों में गणेशपुर सरधना के रहने वाला सुरेंद्र पुत्र हरिदास, इसका भाई रणदीप, गणेशपुरी का ही मनोज और इनका साथी शहजाद पुत्र इरशाद हैं। फरार बदमाशों में भी दो सरधना के ही हैं.

मेरठ में पकड़े गए बदमाश
जानी पुलिस 22 जनवरी को एरिया से चेकिंग के दौरान बाइक सवार दो बदमाशों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से चेकिंग के दौरान एक तमंचा और कारतूस मिले। इनमें एक रामपुरा झिंझाना शामली का सुभाष और दुधली शामली का सोनू शामिल था। दोनों बालैनी बागपत में भट्टे पर काम करते थे और मेरठ में लूट करते थे। वहीं 23 जनवरी को मेरठ पुलिस ने सहसौली हसनपुर अमरोहा के रहने वाले सतीश पुत्र चंद्रपाल को अपहरण और कत्ल के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

बाइक चोरी और लूट
मेडिकल पुलिस और क्राइम ब्रांच ने तीन फरवरी को आजमपुर पट्टी धरौरा जिला अमरोहा के ओमपाल उर्फ पंडित को गिरफ्तार किया था। इसके साथियों में एक धनौरा का रहने वाला कोमल उर्फ कौशल उर्फ कौशर और राजस्थान का रहने वाला त्रिलोकी भी शामिल था। इनके पास से बाइस बाइक बरामद की गई थी। जो अभी तक की सबसे बड़ी रिकवरी थी। ये रहते दूसरे जिले में हैं और वारदात मेरठ में कर रहे थे।

पुलिस भी परेशान
पुलिस जिले में बदमाशों के गैंग बनाती है। जब यहां बाहर के बदमाश आकर वारदात करते हैं तो उनके गैंग बनाने में उनके पसीने छूट जाते हैं। कई प्रक्रियाएं होती हैं, जिनसे पुलिस गुजरती है और लंब समय लगता है। पुलिस अधिकतर वारदातों में बदमाशों को पकड़ती है और जेल भेज देती है। इसके बाद की प्रक्रिया से मानो नाता तोड़ लेती है। कई बार इस शहर में दूसरे जिलों के बदमाश पकड़े गए और पुलिस ने उनको जेल भेजकर इतिश्री कर ली। इसके बाद ये छूटे और फिर वारदात करने निकल गए.

"ऐसा अक्सर सामने आता है। एक जिले के बदमाश दूसरे जिले में वारदात करते हैं। हम खुद इनकी मॉनिटरिंग करते हैं। कई बार बदमाश पकड़े गए हैं। किस जिले में कितने बदमाश और कितनी वारदातें हुई यह सब देखा जाता है."
- के। सत्यनारायण, डीआईजी

Posted By: Inextlive