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PATNA : एक तरफ राज्य सरकार पर्यटकों को लुभाने के लिए कई योजना चला रही है तो दूसरी तरफ व्यवस्था के अभाव में राजधानी के कई पर्यटन स्थल घाटे में चल रहा है। हम बात कर रहे हैं पटना के गांधी घाट की जहां औसतन आमदनी 35 हजार रुपए प्रति महिना है और खर्च औसतन 60 हजार रुपए होता है। पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने डेढ़ करोड़ रुपए खर्च कर एमबी गंगा विहार जहाज को खरीदा था। मगर साल 2015 से ही जहाज खराब है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की स्पेशल स्टोरी में पढि़ए पर्यटन विभाग की लापरवाही का सच

साल 2015 से है खराब

स्थिति यह है कि एमवी गंगा विहार साल 2015 से खराब है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों की माने तो जहाज की मरम्मत के लिए दो बार टेंडर निकाला गया। मगर टेंडर लेने के लिए कोई सामने नहीं आया। ऐसे में जहाज गांधी घाट पर जंग खा रहा है। नाम न छापने के शर्त पर पर्यटन विभाग के एक कर्मचारी ने बताया जहाज की मरम्मत पर जितना खर्च आएगा विभाग उतना खर्च नहीं करना चाहता है। इसलिए जहाज जंग खा रहा है। अधिकारी नए जहाज लाने की तैयारी कर रहे हैं। गौरतलब है कि जब यह जहाज खरीदकर आया था तो हर दिन गांधी घाट पर सैलानियों की भीड़ जुटती थी। शनिवार और रविवार को स्थिति यह होती थी कि लोगों को टिकट भी नहीं मिल पाता था।

हर माह हो रहा घाटा

बिहार सरकार पर्यटन स्थल गांधी घाट घाटे में चल रहा है। पर्यटन विभाग के कर्मचारियों की माने तो प्रति माह औसतन आमदनी 35 हजार रुपए है और कर्मचारियों के वेतन सहित मदों में 60 हजार रुपए खर्च हो रहे हैं। ऐसे में एमवी गंगा विहार को सही कराने से स्थिति नियंत्रित हो सकती है।

पार्टी भी होती थी

गांधी घाट पर आमदनी का मुख्य केन्द्र एमवी गंगा विहार था। क्योंकि इस जहाज पर रेस्टोरेंट सहित कई तरह की व्यवस्था थी। जिस वजह शादी, जन्मदिन और अन्य शुभ अवसरों पर लोग इसे बुक कर नौका विहार करते थे। अधिकारियों की माने तो जनवरी 2017 तक चलाई गई थी। मगर हकीकत ये है कि 2015 में खराब होने पर मरम्मत कराया गया औरकुछ दिन चलने के बाद बंद हो गया।

Posted By: Inextlive