ब्रिटेन में अदालत ने एक सुनवाई के दौरान छात्रा शफीलिया अहमद की बहन अलेशा ने बताया है कि उनके माता-पिता शफीलिया के साथ दुर्व्यवहार करते थे क्योंकि वो उनकी जीवनशैली के खिलाफ थे.

इफ़्तिखार और फ़रजाना अहमद पर अपनी 17 साल की बेटी शफीलिया को वर्ष 2003 में वारिंग्टन स्थित अपने घर पर मारने का आरोप है। इससे पहले अभियोग पक्ष ने अदालत को बताया था कि किस तरह अलेशा ने अपने माता, पिता को कथित तौर पर शफीलिया के मुँह में बैग डालकर उनका दम घोंटते देखा था, लेकिन सात साल तक वो चुप रही थीं।

52 वर्षीय अहमद और उनकी 49 वर्षीय पत्नी ने इस हत्या से इनकार किया है। अलेशा ने अदातल में कहा कि उनकी बहन एक गुप्त जिंदगी जीतीं थी और वो नहीं चाहतीं थीं कि उनके माता-पिता को इस बारे में पता चले।

23 वर्षीय अलेशा ने कहा कि एक बार उन्होंने अपने पिता को शफीलिया को चाकू से डराते हुए देखा। अलेशा ने गवाह सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत अपना बयान एक पर्दे के पीछे से दिया। अलेशा ने अदालत को बताया कि उनके माता-पिता ने शफीलिया के साथ उस वक्त सबसे ज्यादा बुरा व्यवहार किया जब उन्हें पता चला कि शफीलिया के पुरुष मित्र भी हैं। अलेशा के मुताबिक एक बार तो शफीलिया को एक कमरे में बिना भोजन के कई दिन बंद रखा गया।

‘प्रतिबंधात्मक’ संस्कृति

अलेशा ने अदालत में कहा कि वो पाकिस्तानी संस्कृति के कई प्रतिबंधों में बड़ी हुईं और पश्चिमी सभ्यता खुली हुई है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि शफीलिया को मुश्किलें पेश आईं और इसलिए वो एक ऐसी जिंदगी जी रही थीं जिसके बारे में मेरे माता-पिता को कोई जानकारी नहीं थी। ये एक गुप्त जिंदगी जाने जैसा था.”

अलेशा ने बताया कि शारीरिक हिंसा की शुरुआत शफीलिया के दोस्तों के कारण हुई जो ज्यादातर गोरी लड़कियाँ थीं, जो गैर-पारंपरिक कपड़े पहनती थीं और संगीत सुनती थीं। अलेशा ने कहा कि उनके परिवार को शक़ था कि शफीलिया के पुरुष दोस्त भी हैं।

इससे पहले अभियोग पक्ष के वकील एंड्र्यू एडिस ने अदालत को बताया, “अलेशा ने विस्तार से बताया कि किस तरह दोनो माता-पिता ने (शफीलिया का) गला घोंटा.” एडिस ने कहा कि उन्होंने शफीलिया के चेहरे को हाथों से ढक रखा था ताकि वो सांस नहीं ले सकें, और फिर उनके मुँह में एक बैग जबरदस्ती डाल दिया।

उन्होंने कहा कि अलेशा ने अपने माता-पिता को लिवरपूल रोड स्थित किचन में शव को बाँधते हुए देखा। फिर उन्होंने अपने पिता को घर को बाहर गाड़ी ले जाते हुए देखा। एडिस ने कहा, “उन्होंने खिड़की के बाहर अपने पिता को लेपेटे हुए एक बड़े सामान को देखा। उन्होंने माना कि ये उनकी बहन का शव है.”

शफीलिया का क्षत-विक्षत शरीर फरवरी 2004 में केंट नदी के किनारे पाया गया था, लेकिन 2010 तक ही मौत की वजहें साफ़ हो सकीं। वकील एंड्र्यू एडिस ने अदालत को बताया कि अलेशा को वर्ष 2010 में अपने माता-पिता के घर में चोरी में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया। इस घटना में तीन नकाब पहने व्यक्तियों ने अलेशा की माँ, भाई और दो बहनों को बाँध दिया था।

छह दिन बाद उन्होंने पुलिस को दिए बयान में अपने माता-पिता पर शफीलिया की हत्या का आरोप लगाया। एडिस कहते हैं कि जो अलेशा कह रही हैं वो या तो सच है नहीं तो खुद को बचाने के लिए एक कुटिल झूठ।

Posted By: Inextlive