- जीएम जल को नगर आयुक्त ने पहले ही नोटिस देने के दिए थे निर्देश

BAREILLY: शहर में चलने वाले ट्यूबवेल के ऑटोमेशन और अनुरक्षण के टेंडर मामले में एक नया मोड़ आया है। जांच में शिकायतकर्ता के ही डाक्यूमेंट्स फर्जी निकले। टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत पर नगर आयुक्त ने शिकायतकर्ता ठेकेदार पर भी रिपोर्ट की तैयारी कर ली है। नगर आयुक्त ने जीएम जल को ठेकेदार के खिलाफ नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। दरअसल नगर निगम के जलकल विभाग ने पिछले महीने शहर के 67 ट्यूबवेल के ऑटोमेशन और अनुरक्षण के काम के लिए वाराणसी की केएमबी इलेक्ट्रिकल कंपनी को ठेका दिया था। इस पर फिरोजाबाद की रिलाइट सॉल्यूशन कंपनी के विवेक गुप्ता ने शर्तो की अनदेखी कर काम देने का आरोप लगाया। उनकी शिकायत पर महापौर डॉ। उमेश गौतम ने नगर आयुक्त को अपने स्तर या विजिलेंस जांच करवाने के निर्देश दिए।

बनाई थी चार सदस्यीय टीम

शिकायत के बाद मामले ने तूल पकड़ा तो नगर आयुक्त ने जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी बना दी। कमेटी में निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर शिव कुमार अंबेडकर, एग्जिक्यूटिव इंजीनियर संजय चौहान, इंवायरमेंट इंजीनियर संजीव प्रधान और अकाउंट ऑफिसर हृदय नरायण थे। इसके साथ ही नगर आयुक्त ने रिलाइट सॉल्यूशन कंपनी के दस्तावेजों की भी जांच करवाई। पता चला कि ठेकेदार ने अपने सपोर्ट में सिंह ग्रुप, शिवा व कंपनी की ओर से भी टेंडर डाले हैं। जांच में नगर पालिका परिषद बाजपुर (उत्तराखंड), नगर पालिका परिषद टूंडला (फिरोजाबाद) और नगर पंचायत मोहनियां (कैमूर, बिहार) के एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट भी फर्जी निकले। जबकि जिस कंपनी को टेंडर दिया गया उसके डाक्यूमेंट्स की अभी जांच चल रही है।

शिकायतकर्ता ठेकेदार ने जो भी प्रपत्र लगाए थे, जांच में वे फर्जी पाए गए हैं। इस आधार पर उन्हें पहले नोटिस जारी करने को कहा गया है। बाद में एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।

राजेश श्रीवास्तव, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive