-मेयर ने साफ-साफ कहा, कुंभ के कचरे के लिए हम कहीं से भी जिम्मेदार नहीं

-प्लांट तक कचरा पहुंचाना मेला प्राधिकरण की थी जिम्मेदारी, निपटाना हरी-भरी का काम था

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PRAYAGRAJ: कुंभ मेला तो बीत गया, लेकिन कुंभ मेले का कचरा बसवार प्लांट में अभी भी डंप है. इसका निस्तारण अभी तक नहीं हो सका है. शासन के साथ ही एनजीटी भी नगर निगम प्रयागराज से इस मामले में नाराज है. नगर निगम पर उठ रहे सवाल पर दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने प्रयागराज की मेयर अभिलाषा गुप्ता से बातचीत की. बातचीत में मेयर ने सीधे तौर पर कहा कि कुंभ मेले का कचरा निस्तारित नहीं हुआ तो इसके लिए नगर निगम नहीं बल्कि मेला प्राधिकरण और हरी-भरी जिम्मेदार है. नगर निगम तो बीच में कहीं था ही नहीं. फिर कुंभ का कचरा निस्तारित करने के लिए नगर निगम 50 लाख रुपए क्यों खर्च करे.

गाड़ी मेला प्राधिकरण को सौंपी थी

मेयर अभिलाषा गुप्ता ने कहा कि कुंभ मेला के नाम पर नगर निगम को 100 करोड़ का बजट मिला था. उसी बजट से गाडि़यां खरीदी गई थीं. बजट निगम को मिला था, गाडि़यां निगम ने खरीदी थीं. इसलिए प्रयागराज नगर निगम का नाम गाडि़यों में लिखा गया था. लेकिन कुछ अधिकारियों ने इसका विरोध किया था. 100 टाटा एस, दस कॉम्पैक्टर व अन्य गाडि़यां मेला प्राधिकरण को दी गई थीं.

प्राधिकरण ने कचरा हटवाया, प्लांट भेजा

कुंभ मेला के दौरान मेला प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग द्वारा ड्राइवर रख कर गाडि़यां चलवाई गई. तेल भरवाया गया. मेले के अंदर की व्यवस्था मेले का स्वास्थ्य विभाग देख रहा था. फिर नगर निगम बीच में कहां से आ गया. बसवार प्लांट हरी-भरी के जिम्मे है. मेला प्राधिकरण ने कचरा भेजा और हरी-भरी को कचरा निस्तारित करना था. नगर निगम ने तो कूड़ा पहुंचाया ही नहीं.

मेला का कचरा किसने उठाया?

इस सवाल का जवाब यही है कि कुंभ मेला का कचरा हटवाना मेला प्राधिकरण और स्वास्थ्य विभाग का काम था.

-मेला प्रशासन के यहां काम कर रहे स्वास्थ्य विभाग को गाडि़यां हैंड ओवर की गई थीं.

-सफाई करने के लिए आदमी मेला प्राधिकरण ने रखे थे.

-डस्टबिन भी मेला प्राधिकरण ने रखवाया था. गाड़ी नगर निगम से हायर की गई थी. तेल और ड्राइवर की व्यवस्था मेला प्राधिकरण ने की थी.

हरी-भरी पर क्या कहना है?

-हरी-भरी को 50 लाख रुपए देने का शासनादेश जारी किया गया है.

-हमारा शहर और पार्षद हरी-भरी को बिल्कुल नहीं चाहते हैं.

-हरी-भरी के खिलाफ सदन चलने पर जबर्दस्त कार्रवाई होगी.

-सफाई से अब किसी भी स्तर पर समझौता नहीं होगा.

-पब्लिक गंदगी से परेशान है. डीटीडीसी न होने से वार्डो में कचरा भरा रहता है.

-जिस दिन डीटीडीसी 70 प्रतिशत भी लागू हो जाएगा, शहर की सूरत बदल जाएगी.

-बसवार प्लांट न चलने की वजह से नगर निगम प्रयागराज पीछे चल रहा है.

-हरी-भरी पर मेहरबानी का कारण समझ में नहीं आ रहा है.

Posted By: Vijay Pandey