Varanasi : अरे भाई कोई झाड़ू मारने वाला है क्या? उनकी सख्त जरूरत है. कुछ ऐसे ही गुहार लगा रहा है नगर निगम. सफाईकर्मियों की कमी से जूझ रहे निगम की खूब फजीहत हो रही है. शहर की रोड्स से लेकर कॉलोनीज तक गंदी हैं. जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा हुआ है. सबसे बुरी हालत तो घाटों और गलियों की है. यहां सफाईकर्मी कभी-कभार ही नजर आते हैं. अब घाटों और गलियों की सफाई के लिए नगर निगम एनजीओ की तलाश कर रहा है. ताकि कैसे भी कोई उसकी इस जिम्मेदारी को संभा ले जिससे कि शहर में साफ-सफाई नजर आए.


मुहल्ले तो मुहल्ले, घाटों पर भी proper सफाई नहींसिटी की कॉलोनीज और मोहल्लों से लेकर रोड्स-गलियों और घाटों की सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है। -जबकि आलम ये है कि कहीं भी प्रॉपर सफाई नहीं हो पा रही है।-सफाईकर्मियों के कभी कभार आने से जगह जगह कूड़ा बजबजा रहा है।-घाटों और गलियों की हालत बद से बदतर होती जा रही है-नगवां से लेकर अस्सी घाट तक अरसे से साफ-सफाई नहीं हुई है।-हरिश्चंद्र घाट और मणिकर्णिका पर दुनिया भर के लोग आते हैं लेकिन यहां सफाई कभी नहीं होती है।-घाटों की ओर आने वाली गलियां भी गंदगी से भरी हैं।-पाण्डेय घाट, लाली घाट, मानसरोवर घाट आदि को वहां मौजूद लॉज और होटल वाले साफ रखते हैं। -घाट और गलियों की सफाई के लिए एनजीओ की तलाश कर रहा है।-नगर निगम को इसमें अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली है।



सात सौ और आएं तो बने बात
-सिटी के 90 वाड्र्स में सफाई के लिए नगर निगम के पास सिर्फ ढाई हजार सफाईकर्मी हैं।-उसे अभी सात सौ और सफाईकर्मियों की जरूरत है।-सफाईकर्मियों का इंतजाम करने की जिम्मेदारी एक एजेंसी को सौंपी गयी है लेकिन वह नहीं कर पा रही है।

-निगम जैसे-तैसे सफाई कराने का इंतजाम कर रहा है।-सफाईकर्मियों को जिन बीट्स पर तैनात किया जाता है तो वो वहां भी ठीक से काम नहीं करते हैं।-शिकायत पर उनके खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला भी चल रहा है।"सफाईकर्मियों की कमी है। इसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। साफ-सफाई की हर संभव कोशिश की जा रही है। एनजीओ से भी मदद लेने पर विचार किया जा रहा है।आरपी सिंह, नगर आयुक्त"

Posted By: Inextlive