आया टैंग्लिश कोलावेरी डी का नैंग्लिश वर्जन
वाय दिस कोलावेरीकोलावेरी डी। रजनीकांत के सन इन लॉ धनुष द्वारा गाया यह टैंगलिश सांग काफी सुर्खियां बटोर चुका है। इस सांग की पॉपुलैरिटी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कई लैंग्वेज में यह सांग कम्पोज हो चुका है। अब झारखंड के एक गीतकार व संगीतकार ने इस सांग को यहां के लोकल लैंग्वेज नागपुरी में लांच किया है। नागपुरी व इंग्लिश यानी ‘नैगलिश’ सांग इन दिनों स्टेट के अर्बन और रूरल एरिया में धमाल मचा रहा है।
बिक गई हैं 2500 सिडीज
स्टेट कैपिटल रांची की रहने वाली मिताली घोष ने इस सांग को गाया है और म्यूजिक दिया है उनके हसबैंड बुल्लू घोष ने। झारखंड के लोकल यूथ अब ‘काले मोके खीस लागे- कोलावेरी डी’ गुनगुना रहे हैं। अब तक मार्केट में केवल इस गाने की 2500 से भी ज्यादा सीडीज सेल हो चुकी हैैं। बुल्लू घोष बताते हैैं कि इस सांग के लिए अलग से कोई सीडी रिलीज नहीं की गई है। बल्कि मार्केट में पहले से अवेलेबल अलबम ‘झकास सेलेम’ में स्पेशल एडिशन कर इस सांग को लाया गया है। नैंगलिश वर्जन के इस गाने को यू-ट्यूब पर 2500 से भी ज्यादा हिट्स
मिले हैं।
Language है वजह
बुल्लू घोष ने बताया कि टैंग्लिश कोलावेरी डी के जबरदस्त हिट होने की सबसे वजह इसमें यंग जेनरेशन का लैंग्वेज यूज होना है। नेट पर सर्फिंग के दौरान लोगों ने इसे देखा और सुना। अगर यह सांग सीडी में रिलीज होता तो, इतना बड़ा हिट होता या नहीं, कहना मुश्किल है।
Versatile singer हैं मिताली घोष
रूरल एरिया के लोग नेट पर गाने नहीं सुन सकते। इसलिए, हमने नागपुरी व इंग्लिश में इस गाने को लाया। ताकि, रूरल एरिया के साथ ही अर्बन एरिया के लोग भी इसे एंज्वाय कर सकें।
बुल्लू घोष, म्यूजिक कंपोजर
मैंने काफी दिल से इस गाने को गाया है। लगभग 4 मिनट 8 सेकेंड के इस गाने को फनी स्टाइल में गाने की कोशिश की है। तमिल सभी को नहीं आती, लेकिन लोकल लैंग्वेज में इसे सभी समझ सकेंगे।
मिताली घोष, सिंगर