-केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने की नमामि गंगे योजना की शुरुआत

-प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाने को यूपी गवर्नमेंट को दिया ऑफर

-फ‌र्स्ट फेज में गंगा को स्वच्छ बनाना होगा लक्ष्य

ALLAHABAD: एक साल हो गया। लेकिन, अभी तक नमामि गंगे पर काम शुरू नहीं हुआ? क्या ऐसे ही स्वच्छ, निर्मल और अविरल होंगी गंगा? पब्लिक के बीच से उठ रहे इसी तरह के सवालों का जवाब सोमवार को केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं कायाकल्प मंत्री उमा भारती ने लंबा भाषण देकर या फिर वादा करके नहीं, बल्कि इलाहाबाद के लिए तैयार किए गए क्700 करोड़ रुपए नमामि गंगे फ‌र्स्ट फेज प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाकर दिया। उन्होंने फ‌र्स्ट फेज का विधिवत शुभारंभ करने के लिए यूपी के सीएम अखिलेश यादव और उनके मंत्रियों को आमंत्रित किया। कहा, वे इलाहाबाद आएं और गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाने के अभियान का शुभारंभ करें।

ताकि गंगा-यमुना में न पहुंचे गंदगी

मिशन गंगा के निदेशक टीवीएसएन प्रसाद ने बताया कि हम काम शुरू करने के साथ ही पंद्रह साल की जिम्मेदारी तय कर रहे हैं, ताकि प्लान बंद न हो। जिसे भी एसटीपी बनाने का टेंडर दिया जाएगा, वह निर्माण कार्य पूरा होने के बाद क्भ् साल तक एसटीपी को चलाएगा। खर्च मंत्रालय उठाएगा। लेकिन, बीओडी और सीओडी में गड़बड़ी मिली तो एक लाख रुपए प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना लगेगा। सीसीटीवी कैमरा के थ्रू रिमोट से नजर रखी जाएगी।

बाक्स

कहां-कहां खर्च होगा धन

सीवरेजएंड नॉन सिवरेज स्कीम्स डिस्ट्रिकट बी और ई-सेंसन कॉस्ट- क्99.ख्म् करोड़

सीवरेज एंड नॉन सीवरेज स्कीम्स डिस्ट्रिक्ट ए- क्0म्.08 करोड़

सीवरेज वर्क इन सीवरेज डिस्ट्रिक्ट- क्ब्ख् करोड़

सलोरी में क्ब् एमएलडी एसटीपी का निर्माण- ब्ख्.ब्0 करोड़

सीवरेज सिस्टम इन सीवरेज डिस्ट्रिक्ट सी एंड अल्लापुर-क्ब्म्.87 करोड़

सीवरेज वर्क इन सीवरेज डिस्ट्रिक्ट ए- ख्88.9ब् करोड़

सीवरेज सिस्टम विथ सीवर नेटवर्क डिस्ट्रिक्ट बी- ख्म्भ्.8म् करोड़

टोटल क्क्9क्.ब्क् करोड़

फ्यूचर प्लान

-रीवर फ्रंट और कटान रोकने पर खर्च होंगे भ्00 करोड़

-सीएसआर फंड से जारी हो सकता है इसके लिए बजट

-मिर्जापुर से इलाहाबाद तक कटान रोकने पर होगा काम

-दो स्थान पर डेवलप किया जाएगा रिवर फ्रंट

वर्तमान स्थिति

-इलाहाबाद सिटी से पर डे निकल रहा है ख्म्ब् एमएलडी दूषित पानी

-जिसका आधा से अधिक हिस्सा बगैर ट्रीट किए ही जा रहा है गंगा-यमुना में

-शहर में हैं कुल म्ब् नाले

-जिनमें से केवल ख्7 नाले ही किए गए हैं टैप

-फ्7 नालों का पानी सीधे जा रहा है नदियों में

कैसे होगी मॉनिटरिंग

पब्लिक सिस्टम

लोग खुद योजना के काम पर नजर रखेंगे। गड़बड़ी की जानकारी देने के लिए एक मोबाइल एप बनाया जा रहा है। जिससे नीचे से लेकर उपर तक के सभी लोग जुड़े होंगे।

एडमिनिस्ट्रेटिव सिस्टम

लोकल, स्टेट और नेशनल लेवल पर अधिकारियों की टीम बनाई गई है। जो योजना के तहत होने वाले कार्यो पर नजर रखेगी।

वालेंटियर सिस्टम

संस्थाओं के साथ ही पब्लिक को साथ में लेकर वालेंटियर बनाए जा रहे हैं। जिन्हें ये जिम्मेदारी दी जा रही है कि वे हर काम की निगरानी करें। कहीं कार्य की गुणवत्ता में कमी मिले तो शिकायत करें।

मिलिट्री मॉनिटरिंग

पहली बार किसी योजना की निगरानी के लिए मिलेट्री की मदद ली जाएगी। एक्सपेरिमेंट के तौर पर मिलेट्री की बटालियन काम कर रही है। आने वाले दिनों में पूरे पांच साल के लिए दो से ढाई हजार आर्मी के जवान गंगा के किनारे लगेंगे, जो पेड़ लगाएंगे, लगे हुए पेड़ों को बचाएंगे और काम पर भी नजर रखेंगे।

नमामि गंगे का लक्ष्य

-अक्टूबर ख्0क्म् तक गंगा की निर्मलता को बढ़ाना

-तीन से चार सालों में टोटल निर्मलता

-चार से सात सालों में निर्मलता और अविरलता

-निर्मलता, अविरलता की निरंतरता को आठ साल

मिशन गंगा और नमामि गंगे अभियान के निदेशक संयुक्त सचिव टीवीएसएन प्रसाद के साथ प्रयाग नगरी पहुंची उमा भारती ने कहा कि गंगा की स्वच्छता, निर्मलता और अविरलता के लिए सबसे पहला लक्ष्य स्वच्छता है। जिसके लिए इलाहाबाद में सबसे पहले नाला-नाली, सीवरेज और एसटीपी का जाल बिछाया जाएगा। शहर में कुल म्ब् नाले हैं, जिनमें से केवल ख्7 ही टैप हैं। फ्7 अनटैप नालों का पानी अभी भी बिना ट्रीटमेंट के नदी में गिर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि फ‌र्स्ट फेज में कानपुर पर एक हजार करोड़, वाराणसी पर ख्क्00 करोड़ और इलाहाबाद पर क्700 करोड़ रुपया खर्च किया जा रहा है।

सेटलाइट से होगी निगरानी

गंगा किनारे बने नालों पर नजर रखने और किनारे पर कोई नया नाला न बनने पाए इसके लिए मंत्रालय ने इसरो के साथ एमओयू साइन किया है। सेटेलाइट से गंगा के साथ ही नालों पर नजर रखी जाएगी। रिमोट सेंसिंग के जरिए नालों की स्थिति की जानकारी होती रहेगी। मेयर अभिलाषा गुप्ता ने गंगा-यमुना की निर्मलता के साथ ही अविरलता का मुद्दा उठाया और कहा कि गंगा-यमुना की धारा में अब पहले जैसा वेग ही नहीं है। इस पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने कहा कि उद्गम स्थलों से निकलने वाली नदियों के रास्ते में कोई बाधा न आए और मानसून से इकट्ठा हुए जल को रोका जाए, इस पर काम चल रहा है। गंगा में कोई भी बांध नदी की धारा को बांध कर नहीं बनाया जाएगा। सीडब्ल्यूसी को आदेश दिया गया है कि नरौरा से गंगा में और हथिनी कुंड से यमुना में कैसे पानी छूटे इस पर वे कार्य करें।

सरस्वती कूप में सरस्वती की धारा के संकेत

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने कहा कि मैं गंगा-यमुना के उद्धार के साथ ही सरस्वती की धारा के खोज में लगी हूं। इसके लिए इसरो की मदद ली जा रही है। इसरो के वैज्ञानिकों ने हरियाणा, गुजरात और पाकिस्तान के कुछ सूखे इलाकों में सरस्वती नदी के जलधारा की खोज की है। इसरो ने अकबर के किले के अंदर सरस्वती कूप के नीचे गहराई में सरस्वती की धारा गुजरने के संकेत दिए हैं। वैज्ञानिक अभियान में लगे हैं। छह महीने बाद स्पष्ट रिपोर्ट आएगी। यह पुष्ट हुआ कि किला के नीचे से सरस्वती की धारा गुजरी है तो फिर सरस्वती को फिर से जिंदा करने का प्रयास किया जाएगा।

इजराइल जा रही ऑफिसर्स की टीम

गंगा-यमुना के किनारे बसे जिन इलाकों में बांध बनाए जाने से पानी की समस्या है। वहां पर कम पानी में भी खेती किए जाने तरीके को अपनाए जाने का काम चल रहा है। इसके लिए युवा अधिकारियों की एक टीम तैयार कर इजराइल भेजी जा रही है। जो वहां से सीख कर आएंगे कि कम पानी में किस तरह अधिक से अधिक उपजाऊ वाली खेती की जा सकती है।

सीवर लाइन तो डाली, लेकिन जोड़ी नहीं गई

गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के जेपी मणि जब सिटी में सीवर लाइन बिछाने और एसटीपी बनाने का प्लान प्रेजेंट कर रहे थे, तभी फूलपुर सांसद केशव प्रसाद मौर्य और मेयर अभिलाषा गुप्ता ने उन्हें रोका और कहा, जो सीवर लाइन अभी जोड़ी नहीं गई है, उसके लिए क्या प्लान है? अल्लापुर, फाफामऊ, करैली से लेकर सैकड़ों ऐसे इलाके हैं, जहां सीवर लाइन डाली तो गई है, लेकिन लिंक नहीं जोड़ी गई है।

फोर लेयर मॉनिटरिंग सिस्टम

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती जब नमामि गंगा योजना के बारे में बता रही थीं, तभी सवाल उठाया गया कि पहले भी कई योजनाएं बनी हैं, जिसमें काफी मनमानी और लापरवाही हुई है। जिस पर जल संसाधन मंत्री ने कहा कि सवाल जायज है। इस तरह के सवाल की कोई गुंजाइश न हो, इसलिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत फोर लेयर मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया गया है।

पंद्रह साल की तय होगी जिम्मेदारी

Posted By: Inextlive