- नमामि गंगे मिशन के डायरेक्टर टीवीएसएन प्रसाद ने गंगा निर्मलीकरण के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं पर की चर्चा

- योजनाओं का असर दो साल में जमीन पर उतरने का किया दावा

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VARANASI:

दो साल बाद काशी में गंगा मैली नहीं दिखाई देगी। पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में गंगा के निर्मलीकरण को लेकर जितने भी योजनाएं बनाई गयी हैं या चल रही हैं, उनका असर दो साल में आपके सामने होगा। यह बातें सोमवार को नमामि गंगे मिशन के डायरेक्टर व जल संसाधन मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी टीवीएसएन प्रसाद ने सर्किट हाउस में हुई एक अनौपचारिक बातचीत में कही। उन्होंने बताया कि इस बार गंगा के लिए ख्भ् हजार करोड़ का बजट निर्धारित हुआ है।

तेजी से पूरे किये जायेंगे काम

उन्होंने बताया कि जो योजनाएं प्रस्तावित हैं, उनकी डीपीआर को हरी झंडी देते हुए अक्टूबर में निविदा भी पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद तेज गति से कार्य होगा और दो साल के अंदर सभी योजनाएं आकार ले लेंगी। इसके बाद काशी में गंगा पूरी तरह निर्मल हो जाएंगी। बनारस में उद्योगों को इटीपी (इन्फ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) लगाने के लिए नोटिस भेजी जाएगी तो उसकी जांच भी प्रदूषण विभाग करेगा। इसी क्रम में गंगा किनारे श्मशान घाटों पर विद्युत शवदाह केंद्रों के अलावा जापान की एक कंपनी ने महज दो से तीन मन लकड़ी से अंतिम संस्कार करने का संयंत्र बनाया है, उसे भी आजमाया जाएगा।

तीसरी आंख पर रखेगी नजर

श्री प्रसाद ने बताया कि गंगा की स्वच्छता की निगरानी में जनसहभागिता के लिए जल संसाधन मंत्रालय की ओर से एंड्रॉयड मोबाइल फोन के लिए नया एप जारी किया जाएगा। इसे आप केंद्र सरकार की तीसरी आंख मान सकते हैं। इसके माध्यम से कोई भी एंड्रॉयड मोबाइल फोन रखने वाला गंगा में गंदगी व जिम्मेदार लोगों की फोटो प्रेषित कर सकता है। इसकी निगरानी केंद्र सरकार करेगी और वहीं से आवश्यक कार्रवाई भी करेगी।

Posted By: Inextlive