RANCHI : शराब माफिया प्रहलाद सिंधिया और नरेश सिंघानिया को आखिरकार नामकुम पुलिस ने दबोच लिया। एसएसपी कुलदीप द्विवेदी की सूचना पर जोरार स्थित पेट्रोल पंप के पास से सोमवार को दोनों को गिरफ्तार किया गया। अवैध शराब की फैक्ट्री व ब्रांडेड शराब का रैपर चिपकाकर नकली शराब का धंधा करने के मामले में दोनों की तलाश लंबे समय से पुलिस को थी। शराब माफिया प्रहलाद सिंधिया केरोसिन की कालाबाजारी से भी जुड़ा है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है, जिसमें कई अहम खुलासे हो सकते हैं।

कोर्ट से वारंट जारी

इस साल 19 जून को उत्पाद विभाग और रांची पुलिस की टीम ने नामकुम थाना क्षेत्र के जोरार स्थित तेतरी टोली स्थित घर से 50 लाख रुपए का अवैध शराब और स्पिरिट जब्त किया था। छापेमारी के दौरान घर एक तहखाना भी मिला था, जहां दो सौ से ज्यादा नामी-गिरामी शराब कंपनियों के कार्टन, बोतल और रैपर बड़ी मात्रा में मिला था। इसके अलावा शराब बनाने के काम में आने वाला 150 गैलेन से ज्यादा स्पिरिट भी जब्त किया गया था। कई शराब की बोतलों में आर्मी और झारखंड सरकार के मुहर भी लगे थे। इस बाबत एक मामला थाने में दर्ज किया गया था। इसी की बेसिस पर आरोपियों के खिलाफ हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

चकमा देने में है माहिर

प्रहलाद सिंधिया दूसरी बार पुलिस की गिरफ्त में आया है। उसके द्वारा नकली शराब का धंधा करने से पुलिस भी भली-भांति वाकिफ है, लेकिन हमेशा वह चकमा देकर बच निकलता रहा था। ऐसा भी नहीं है कि उत्पाद विभाग और पुलिस को उसके व उसके धंधे के ठिकानों की जानकारी नहीं है, लेकिन उसके खिलाफ शायद ही एक्शन लिया गया। अगर थाने में उसके खिलाफ कभी केस भी दर्ज हुआ तो अदालत से वह बेल ले लेता था। इसके बाद फिर नकली शराब का धंधा शुरू कर देता था।

कौन है प्रहलाद सिंधिया

प्रहलाद सिंधिया मूल रूप से राजस्थान का रहनेवाला है। रांची आने के बाद उसने नामकुम के तेतरटोली में अपना ठिकाना बनाया। यहां उसने शराब बनाने की अवैध फैक्ट्री खोली। धीरे-धीरे नकली शराब के धंधे में उसने अपनी पैठ बना ली। जब कभी भी पुलिस ने उसके शराब भट्टी पर छापा मारा, वह अपना ठिकाना बदल लेता था। उत्पाद विभाग और पुलिस की छापेमारी के बाद भी उसका अवैध शराब का धंधा कभी बंद नहीं हुआ।

दूसरी बार आया गिरफ्त में

कुछ साल पहले घर में चल रही फैक्ट्री की सूचना पर नामकुम पुलिस ने छापा मारा तो वहां से विदेशी शराब के ओरिजनल रैपर, स्पिरिट सहित शराब बनाने के अन्य सामान रिकवर किया। पुलिस के बराबर दबिश देने के बाद उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। इसके बाद वह रिहा हुआ और फिर नकली शराब बनाने के धंधे से जुड़ गया।

प्रहलाद के कई और हैं नाम

अवैध शराब के धंधे में प्रहलाद सिंधिया कई और नाम से जाना जाता है। प्रहलाद के अलावा धनसू, प्रहलाद कुमार दास भी और पैलू के नाम से वह जाना जाता है। सिंधिया की टीम में मनोज कुमार उर्फ मन्नू, पुतली बाबू, तरूण कुमार और नामकुम एरिया का पुजारी भी शामिल है, जिनकी बदौलव वह अपने अवैध शराब के धंधे को चला रहा है। पुजारी और प्रहलाद का भाई नरेश सिंधिया, मनोज कुमार उर्फ मन्नू तथा पुजारी शराब सप्लाई का काम देखते हैं।

कहां- कहां है अवैध शराब फैक्ट्री

प्रहलाद सिंधिया की फैक्ट्री जोरार बस्ती, महिलौंग, सिदरौल, तुपुदाना रोड में भी सुनसान स्थान पर चलती है। जैसे- जैसे नकली शराब के धंधे से मुनाफा और डिमांड बढ़ता है, उसके मजदूर भी बढ़ जाते हैं। सिंधिया की फैक्ट्री में पहले दो सौ मजदूर काम करते थे, अब इनकी संख्या तीन सौ से अधिक हो गई है।

ऐसे करता है अवैध शराब की सप्लाई

प्रहलाद अपनी नकली शराब को ऑटो, कार, बाइक तथा रिक्शा में ढोकर ले जाता है। वह अपने माल को एक कार्टन में थोड़ा- थोड़ा कर हाईवे के होटल, रेस्टोरेंट और शराब की दुकानों में पहुंचाता है।

कहां- कहां होती है सप्लाई

नामकुम थाना पुलिस में दर्ज रिकॉर्ड के मुताबिक, प्रहलाद सिंधिया शराब को रांची के ओरमांझी, इटकी, सदर, तुपुदाना, चुटिया के स्टेशन रोड, प्राइवेट शराब की दुकानों, चाईबासा, खूंटी, मुरहू, गुमला, हजारीबाग, रामगढ़ आदि जगहों में सप्लाई करता है।

कई थानों में दर्ज हैं दर्जनों मामले

प्रहलाद सिंधिया पर नामकुम थाने समेत ओरमांझी, लालपुर, टाटीसिलवे और चाईबासा डिस्ट्रिक्ट के विभिन्न थानों में दर्जनों प्राथमिकी दर्ज है। केवल नामकुम की बात करें तो सेवेन ईसी एक्ट के तहत कई बार मामला दर्ज हो चुका है। प्रहलाद पर विभिन्न ब्रांडों का शराब तैयार करना एवं बेचने का आरोप लगा है। उस पर नकली शराब की फैक्ट्री लगाने और नकली शराब की बोतल में ओरिजनल शराब रैपर लगाने के आरोप में भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।

कई बार हो चुकी है कुर्की

प्रहलाद सिंधिया के ठिकानों की कभी चाईबासा पुलिस, कभी खूंटी तो कभी मुरहू पुलिस द्वारा भी कुर्की जब्ती की जा चुकी है। इतना ही नहीं, उत्पाद विभाग के मैनुअल में यह नियम है कि यदि आपके पास कोई शराब पकड़ी गई तो जितनी मात्रा में शराब पकड़ी गई है, उसकी कीमत पर जुर्माना वसूला जाता है। जुर्माना देने के बाद उस आरोपी को उत्पाद विभाग की ओर से ही छोड़ दिया जाता है।

Posted By: Inextlive