-जॉब लगाए जाने का झांसा देकर कई लोगों से कर चुका ठगी

-लोगों से खुद को बताता था नारकोटिक्स डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर

-बरामद किया गया नारकोटिक्स इंस्पेक्टर का फर्जी आईडी कार्ड

DEHRADUN : नारकोटिक्स डिपार्टमेंट का इंस्पेक्टर बताने वाला जालसाज ठग पुलिस के हत्थे चढ़ा है। वह युवाओं को जॉब दिलाए जाने का झांसा देकर अपने जाल में फांसता था। डोईवाला निवासी युवक को भी वह अपने जाल में फंसा चुका था, लेकिन वह इसमें कामयाब हो पाता इससे पहले ही पुलिस ने उसे धर दबोचा। उसके पास से नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के इंस्पेक्टर का फर्जी आईडी कार्ड व ख्ब् हजार रुपए बरामद किए गए हैं।

दो लाख की डिमांड की

दरअसल, कुछ समय पूर्व डोईवाला के बुलावाला निवासी राहुल पुत्र बाली की मुलाकात राणा प्रताप से हुई। राणा प्रताप ने खुद को नारकोटिक्स डिपार्टमेंट का इंस्पेक्टर बताते हुए राहुल को अपना आईडी कार्ड भी दिखाया। उसने राहुल को नारकोटिक्स डिपार्टमेंट में जॉब लगाए जाने का झांसा देकर अपने जाल में फंसा लिया। जॉब के एवज में उसने राहुल से दो लाख रुपए की डिमांड की। बीते शनिवार को राहुल ने ख्ब् हजार रुपए की पहली किस्त राणा प्रताप को दी, लेकिन उसके बाद अचानक राणा प्रताप का व्यवहार बदल गया। शक होने पर राहुल ने इसकी सूचना मयूर विहार चौकी पुलिस को दी।

फर्जी निकला आईडी कार्ड

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एसपी सिटी अजय सिंह ने बताया कि राहुल की शिकायत पर पुलिस ने राणा प्रताप पुत्र रामचंद्र निवासी ग्राम रेकवारडी थाना सरायलखन सिंह जिला मऊ यूपी को आईटी पार्क के समीप से पकड़ लिया। तलाशी लिए जाने पर उसके पास से राहुल द्वारा दिए गए ख्ब् हजार रुपए व नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के इंस्पेक्टर का आईडी कार्ड बरामद किया गया। आईडी कार्ड के बारे में जानकारी करने के लिए पुलिस नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के सहस्त्रधारा रोड स्थित नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पहुंची, जहां इंटेलीजेंस ऑफिसर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो लव कुमार ने राणा प्रताप नाम के किसी भी व्यक्ति के नारकोटिक्स डिपार्टमेंट में न होने की बात बताते हुए आईडी कार्ड को फर्जी करार दिया, जिसके बाद पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया।

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दोस्तों को भी नहीं छोड़ा

यूपी के मऊ निवासी राणा प्रताप ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हिंदी से एमए किया है। शातिर किस्म का यह बदमाश कई लोगों को नारकोटिक्स डिपार्टमेंट में जॉब लगाए जाने का झांसा देकर अपने लाखों रुपए की चपत लगा चुका है। पूछताछ के दौरान उसने अपने ही गांव के अमित व उसके भाई को भी नारकोटिक्स डिपार्टमेंट में नौकरी लगाए जाने का झांसा देकर एक लाख बीस हजार रुपए का चूना लगाया।

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इलाहाबाद से बनवाया फर्जी आईडी कार्ड

लखनऊ में प्राइवेट कंपनी में काम करने वाला राणा प्रताप सैलरी से खुश नहीं था, जिस कारण वह पैसे कमाने के लिए शॉटकर्ट रास्ता अपनाने लगा था। जिसके लिए उसने इलाहाबाद से ही नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के इंस्पेक्टर का फर्जी आईडी कार्ड बनवाया। कुछ समय पूर्व वह अपने मामा के पास सहस्त्राधारा रोड पहुंचा। इसी दौरान उसकी मुलाकात राहुल से हुई। राहुल इंटर पढ़ा हुआ था और जॉब की तलाश में भटक रहा था, जिस कारण राहुल ने उस पर विश्वास कर लिया।

Posted By: Inextlive