- जबरन धर्म परिवर्तन और गैंग रेप पीडि़ता से मिलने पहुंची एमएलसी सरोजिनी अग्रवाल को बाहर से लौटाया

- युवती से मिलाने से कर दिया स्टाफ ने इंकार, सपा नेत्री का हवाला देने के बावजूद नहीं करने दिया प्रवेश

- नाराज होकर वापस लौट गई एमएलसी, अधिकारियों से जताई एमएलसी ने नाराजगी

- सरकार के बड़े नेताओं के इशारों पर मिलने के लिए गई थी सपा नेत्री

Meerut: जबरन धर्म परिवर्तन और गैंग रेप पीडि़ता से मिलने के लिए नारी निकेतन मिलने पहुंची समाजवादी पार्टी की वरिष्ठ नेत्री एवं एमएलसी सरोजिनी अग्रवाल को मिलने नहीं दिया, उन्हें बाहर से ही वहां के स्टाफ लौटा दिया। इस दौरान उन्होंने अपने को सत्ताधारी पार्टी की नेत्री होने का भी दावा किया, लेकिन स्टाफ ने एक न सुनी। बाद में नेत्री को चुपचाप वापस आना पड़ा।

कैसे आना हुआ मैडम?

जैसे ही सरोजिनी अग्रवाल नारी निकेतन में पहुंची वहां गार्ड ने उन्हें एंट्री करने से मना कर दिया। वहां की संचालिका प्रेम लता ने सरोजिनी से नारी निकेतन आने का कारण पूछा तो इस पर एमएलसी ने खरखौदा पीडि़ता से मिलने की बात कही। इस पर वहां के स्टाफ ने परमीशन मांगी। एमएलसी ने परमीशन न होने की असमर्थता जताते हुए एमएलसी और असीम नारी संस्था की अध्यक्षा होने की बात कही, जिस पर सरोजिनी को एंट्री नहीं दी गई तो वह वापस लौटकर आ गई।

परमीशन लेकर जाना पड़ता है

नारी निकेतन में जिस लड़की से मिलने के लिए जाना होता है, जिस कोर्ट में लड़की का मुकदमा चल रहा है, उस कोर्ट के जज या मजिस्ट्रेट से परमीशन लेनी होती है। इसके अलावा डीएम से भी परमीशन ली जा सकती है। जिसके बाद नारी निकेतन में मिलवाया जाता है, लेकिन सपा एमएलसी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि परमीशन लेनी होती है। वह सीधा चली गई थी, जिसके चलते उन्हें वहां के स्टाफ ने वापस लौटा दिया और बिना मिले आना पड़ा।

क्यों मिलने पहुंची थी सरोजिनी?

आखिर क्या वजह रही कि सरोजिनी अग्रवाल खरखौदा पीडि़ता से मिलने के लिए पहुंची। बताया जा रहा है कि युवती के बयान बदलने के बाद भाजपाइयों का मुद्दा समाप्त हो गया, इसलिए वह युवती से मिलने के लिए गई थी। सरकार के वरिष्ठ नेताओं के इशारे पर नारी निकेतन जाने की बात कही जा रही है।

Posted By: Inextlive