-रियो में मौजूद भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने आई नेक्स्ट से कहा कि नरसिंह को दिलाएंगे न्याय

-ओलम्पिक में बनारस के पहलवान पर प्रतिबंध से हतप्रभ हैं परिवार के साथ खेल प्रेमी

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VARANASI: रियो ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे पहलवान नरसिंह यादव पर चार साल के प्रतिबंध लगने से पूरा देश स्तब्ध है। बनारस की तो जैसे सांसें रुक गयी हैं। बनारस के चोलापुर स्थित नीमा गांव से ताल्लुक रखने वाले नरसिंह से सभी को बड़ी उम्मीदें थीं। गांव में मौजूद पिता पंचम यादव, मां भूलना देवी के साथ ही भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष एवं सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने दावा किया था कि यह पहलवान देश को एक मेडल जरूर दिलायेगा। नरसिंह की हौसला अफजाई के लिए रियो में मौजूद बृजभूषण शरण सिंह ने आई नेक्स्ट से विशेष बात करते हुए कहा कि अब तो नरसिंह पर लगे दाग को हटाने के लिए अपनी जान लड़ा देंगे। वहीं पंचम यादव का कहना है कि देश को दुनिया में शर्मिदा करने वाले इस मामले कि सीबीआई जांच होनी चाहिए।

मांगेंगे पीएम से मदद

सांसद बृजभूषण शरण सिंह का कहना है कि भारत लौटने के बाद वह पीएम नरेन्द्र मोदी से मिलने जाएंगे। उनसे नरसिंह पर लगे दाग को हटाने के लिए मदद मांगेंगे। उनके कहेंगे कि जैसे उन्होंने इस पहलवान को रियो तक पहुंचाने में मदद की उसी तरह पूरे देश को शर्मिदा होने से बचाएं। अपने पैतृक आवास पर मौजूद नरसिंह के पिता ने भी आईनेक्स्ट से बात करते हुए कहा कि हमें तो सदम लग गया है। हम चाहते थे कि बेटा ओलम्पिक में मेडल लाकर देश का नाम रौशन करे लेकिन उसके खिलाफ हुई साजिश ने सभी को शर्मिदा कर दिया। नरसिंह की मां श्रीमती भूलना देवी के आंसू थम नहीं रहे हैं। वह कहती हैं कि मेरे बच्चे की चार साल की मेहनत बर्बाद हो गई। यह सोचकर ही कलेजा फटा जा रहा है कि क्या हो गया? कल तक लोग नरसिंह की वाह-वाही कर रहे थे अब उनको क्या जवाब दूंगी?

सजा उसकी जो जुर्म मैंने किया ही नहीं: नरसिंह

रियो में मुकाबले के ठीक एक दिन पहले चार साल का प्रतिबंध लगने से नरसिंह हतप्रभ हैं। फोन पर हुई बात में उन्होंने बताया कि जैसे ही उन्हें पता चला कि वाडा ने उन्हें ओलंपिक में भाग लेने से मना ही नहीं कर दिया बल्कि चार वर्ष के लिए प्रतिबंध भी लगा दिया तो उन्हें यकीन नहीं हो रहा था। वह समझ नहीं पा रहे है कि संघर्ष करते हुए यहां तक पहुंचने के बाद ये क्या हो गया? उन्होंने कहा कि खबर सुनने के बाद मेरे मुंह से बस यही निकला है कि मेरा तो सबकुछ खत्म हो गया। मुझे बर्बाद करने वालों की साजिश आखिर सफल हो गयी। उन्होंने कहा कि यहां तक पहुंचने के लिए अपना सब दांव पर लगा दिया था। मेडल की सशक्त दावेदारी के लिए जी-जान से मेहनत की थी। लेकिन ऐसे जुर्म की सजा मिली जो की ही नहीं थी।

हर किसी में जबरदस्त नाराजगी

नरसिंह के गांव नीमा में उनका मुकाबला देखने के लिए विशेष व्यवस्था ग्रामीणों ने की थी। लेकिन सबकुछ धरा रह गया। ग्रामीणों के साथ खेल प्रेमियों में जबरदस्त आक्रोश है। गांव के प्रधान राम प्यारे सिंह का कहना है कि नरसिंह के साथ किसी ने गहरी साजिश की है। वाराणसी कुश्ती संघ की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि भारत के प्राचीन खेल कुश्ती में जिस तरह से नरसिंह के साथ साजिश रची गयी वह किसी राष्ट्रद्रोह से कम नहीं है। बैठक में जिला अध्यक्ष संजय सिंह बबलू, उपाध्यक्ष राजीव सिंह रानू आदि रहे। सप्तसागर यादव महासभा की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि नरसिंह के खिलाफ साजिश करने वालों के को बेनकाब करना जरूरी है। इस दौरान गोपाल दास यादव, दरोगा यादव आदि रहे।

Posted By: Inextlive