ये जानकारी तो लोगों को दी जा चुकी है कि 2030 तक नासा लोगों को मंगल ग्रह पर भेजना चाहता है। अब ये बात तो जाहिर सी है कि अगर लोगों को किसी और ग्रह पर भेजना है तो उसके लिए उनके खाने-पीने संबंधी सभी तैयारी करनी होगी। इस क्रम में नासा तैयारी कर रहा है अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खाने की व्‍यवस्‍था करने की लेकिन यहां बड़ी बात ये है कि वो किस तरह के खाने की तैयारी कर रहे हैं।

ऐसी है जानकारी
जानकारी है कि अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खाने की व्यवस्था करने के क्रम में नासा ऐसा खाना बनाना चाहता है, जिसको ह्यूमन वेस्ट की मदद से तैयार किया गया हो। इसकी तैयारी को लेकर नासा ने शोधकर्ताओं को दो लाख डॉलर यानी करीब 1 करोड़ 34 लाख रुपये दिए हैं। अब शोधकर्ता लग गए हैं नासा के मुताबिक खाने को तैयार करने में।    
ये है नासा की तैयारी
दरअसल नासा ये चाहता है कि किसी तरह से मानवीय अपशिष्ट को खाने में बदला जाए ताकि वह अंतरिक्षयात्रियों के लंबे सफर पर ज्यों का त्यों बरकरार रह सके। इसको लेकर क्लेमसन यूनिवर्सिटी के केमिकल और बायोइंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मार्क ब्लेनर कहते हैं कि वो इसके लिए यूरीन और बाहर निकली कार्बन डाईऑक्साइड का इस्तेमाल खाने का सामान बनाने के लिए करेंगे।
प्रोफेसर के अनुसार
उन्होंने बताया कि ये सच है कि आप अगर लंबे समय के लिए लोगों को अंतरिक्ष यात्रा पर भेजना चाहते हैं, तो इतने समय के लिए आप वहां बाजार का सामान खरीदकर नहीं ले जा सकते। ऐसे में आपके काम कुछ ऐसी व्यवस्था ही आएगी, जिसे नासा तैयार करवा रहा है। अब देखना ये है कि शोधकर्ता कब तक नासा के इस प्रोजेक्ट को पूरा करते हैं।

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Posted By: Ruchi D Sharma