किसी भी अदालत में जब कोई केस चलता है तो उसका फैसला सिर्फ और सिर्फ जज के हाथों में होता है. लेकिन यह केस ऐसा है जो आम जनता से जुड़ा हुआ है. लोगों ने इस केस को इतना पसंद किया कि इसने 17 इंटरनेशनल फिल्‍म फेस्‍िटवल अवार्ड भी जीत लिए. जी हां हम बात कर रहे हैं चैतन्‍य ताम्‍हने द्वारा निर्देशित मराठी फिल्‍म 'कोर्ट' की. तो आइए जानें इस फिल्‍म में क्‍या है खास....


ये कैसा है सुसाइडइस फिल्म की कहानी काफी इंट्रेस्िटंग है. यह फिल्म स्टेट के डर और तुनकमिजाज़ व्यवहार को सामने लाती है. इसकी कहानी एक ऐसे लोकगायक (साथीदार) के इर्द–गिर्द घूमती है, जो मजदूरों के जन-जागरण के लिए गीत गाता है. हालांकि सबकुछ नॉर्मल चल रहा होता है लेकिन इसी बीच साथीदार की जिंदगी बदल जाती है. उस पर स्टेट के द्वारा एक मुकदमा इस कारण लाद दिया जाता है कि उसके गाने से व्यथित होकर एक व्यक्ति ने सुसाइड कर लिया. इस क्रम में क्रूर न्याय व्यवस्था और उसके तंत्र का बेहद मार्मिक चित्रण किया गया है.

फिल्म के हीरो की असली कहानी
'कोर्ट' फिल्म में मुख्य किरदार निभा रहे साथीदार इसकी कहानी को अपनी जिंदगी से जोड़ते हैं. उनका कहना है कि, यह किरदार बिल्कुल मेरे जैसा ही है. हालांकि बताया जा रहा है कि, साथीदार को जब इस फिल्म का ऑफर दिया गया तो उन्होंने इसको मजाक समझा. उस समय साथीदार का सोचना था कि, डायरेक्टर के पास बड़े कलाकरों को देने के लिए पैसे नहीं है. लेकिन जब वह इस फिल्म से जुड़े तो नारायाण कांबले के बहाने उनकी  जिन्दगी की परत दर परत सामने आने लगी. आपको बताते चलें कि साथीदार भी कांबले की तरह असल जिंदगी में लोक गायक रह चुके हैं. आमिर खान को पसंद आई फिल्मबॉलीवुड के मि. परफेक्शनिस्ट आमिर खान यह फिल्म देखकर बहुत प्रभावित हुए. दरअसल आमिर अपनी पत्नी किरण के साथ इस मराठी फिल्म की स्क्रीनिंग पर मौजूद रहे. आमिर खान को यह प्रासंगिक और मार्मिक लगी. उनका मानना है कि, यह फिल्म लोगों के दिलों को अंदर से हिला देने वाली है. यह सीधे दिल को छूती है. इसके अलावा आमिर ने फिल्म एक्टर्स और डायरेक्टर के काम की काफी तारीफ भी की है. गौरतलब है कि चैतन्य ताम्हने निर्देशित 'कोर्ट' निचली अदालत की सुनवाई की कहानी है. इसने 2014 के नेशनल फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का अवार्ड भी जीता है.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari