-इलाहाबादी कवि हरिवंश राय बच्चन की मधुबाला और मधुशाला का क्रेज है बरकरार

-नेशनल बुक फेयर पसंद की जा रही बच्चन जी की पुस्तकें

ALLAHABAD: मृदु भावों के अंगूरों की आज बना लाया हाला, प्रियतम अपने ही हाथों से आज पिलाऊंगा प्याला, पहला भोग लगा लूं तेरा फिर प्रसाद जग पाएगा, सबसे पहले तेरा स्वागत करती मेरी मधुशालाइलाहाबाद में साहित्य का भंडार हो और उसमें हरिवंश राय बच्चन के मधुशाला की डिमांड न हो। ऐसा नहीं हो सकताआज भी हरिवंश राय बच्चन की मधुशाला, मधुबाला और उनके द्वारा लिखी गई किताबें काफी पसंद की जा रही हैं। नेशनल बुक फेयर में नेशनल, इंटरनेशनल फेम के कई साहित्यकारों, कवियों की किताबें शामिल हैं, जिनमें मधुशाला की काफी डिमांड है।

मार्केट में है मधुशाला का म्भ्वां संस्करण

इलाहाबाद में रहने वाले और इलाहाबाद को जीने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार व कवि हरिवंश राय बच्चन की मधुशाला का पहला संस्करण क्9फ्भ् में मार्केट में आया। जिसने आते ही पहले तो थोड़ा हलचल मचाया, लेकिन बाद में पब्लिक ने मधुशाला को हाथों हाथ लिया। क्9फ्भ् के बाद मधुशाला के संस्करणों का दौर लगातार चलता रहा। इस बार नेशनल बुक फेयर में मधुशाला का म्भ्वां संस्करण शामिल किया गया है।

प्रेम कहानियों की भी है डिमांड

नेशनल बुक फेयर में तमाम मुद्दों और विषयों पर चिंतन के साथ लिखी गई किताबों के बीच में प्रेम कहानियों की भी कई किताबें हैं। जिनकी इस बार अच्छी खासी डिमांड है। अभी हाल ही में लोहिया सम्मान से नवाजी गई इलाहाबाद की लेखिका ममता कालिया की प्रेम कहानियां काफी पसंद की जा रही हैं। ममता कालिया के पति रविंद्र कालिया ने भी प्रेम के विविध रूपों को अपनी प्रेम कहानी में पिरोया है। ममता कालिया और रविंद्र कालिया की किताब का शीर्षक प्रेम कहानी ही हैजिसमें प्रेम के अलग-अलग भाव लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं।

Posted By: Inextlive