Allahabad : नटवरलाल. डराने के लिए यह नाम ही काफी है. बड़े-बड़े आर्गनाइजेशन ने इनके आगे एक तरह से हथियार डाल दिया है. चाहे वह देश के दुश्मनों के दांत खट्टा करने वाली इंडियन आर्मी हो या फिर एशिया का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क. इस सीरिज में नया नंबर आया है लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन का. इन नटवरलाल के निशाने पर अब एलआईसी आ गई है. यह न सिर्फ पब्लिक की पॉलिसी को टारगेट कर रहे हैं बल्कि फर्जी पॉलिसी को एलआईसी की पॉलिसी बताकर कस्टमर को ऑनलाइन बेचने की कोशिश भी कर रहे हैं. इसकी जानकारी जब एलआईसी को हुई तो उन्होंने बकायदा एडवाइजरी जारी करके पब्लिक को एलर्ट रहने के लिए कह दिया है...


यह है नटवर लाल का ई-अवतार आमतौर पर फ्राड कोई नई चीज नहीं है। लेकिन एलआईसी के ऑफिसर्स सोर्सेज ने बताया कि जो नए केसेज सामने आ रहे हैं उसमें कस्टमर के साथ ऑनलाइन फ्राड किया जा रहा है। यह लोग एलआईसी के नाम पर कस्टमर को कॉल व ईमेल करते हैं और फिर उनसे पॉलिसी से रिलेटेड डिटेल्स ले लेते हैं.उसके बाद यह नटवरलाल अपने तरीके से उस पॉलिसी में जमा हुआ पैसा निकलवाने की कोशिश करते हैं। बता दें कि इससे पहले भी इंश्योरेंस कंपनी के दर्जनों चेकों को बीच रास्ते में ही गायब करके उनका भुगतान निकाल लिया गया था। इन मामलों में एफआईआर दर्ज कर सिविल लाइंस पुलिस ने जांच भी की, लेकिन कोई सॉलिड रिजल्ट निकलकर नहीं आ पाया है। जहां से मिला मौका, वहां से कर लिया काम


इस इश्यू पर एलआईसी द्वारा भले ही एडवाइजरी जारी कर दी गई हो लेकिन सीनियर ऑफिसर्स इस इश्यू पर खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। लेकिन सोर्स यह बताते हैं कि इन नटवरलाल द्वारा कई तरह से नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जहां एक तरफ से इनके द्वारा ऑनलाइन जानकारियां जुटाकर कस्टमर का एकाउंट खाली किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरह एलआईसी की भरोसेमंद छवि को भी इससे नुकसान पहुंच रहा है।

सिर्फ एक ही रास्ता, be alert -किसी भी कंडीशन में अपनी पॉलिसी रिलेटेड कोई भी डिटेल्स शेयर मत कीजिए। -ईमेल, एसएमएस और या फिर फोन से किसी से भी कोई कॉल आए रिस्पांस मत कीजिए। -अगर कोई नई पॉलिसी व नई टर्म एंड कंडीशन बताता है तो फिर बिना एलआईसी से कंफर्म किए हुए इस पर वर्क मत कीजिए। -पॉलिसी किसके नाम से है, कब क्लीयर हो रही है इसको भी कतई किसी से शेयर मत कीजिए। -अगर पॉलिसी ले रहे हैं तो ऑफिशियल एजेंट व ऑफिस से ही संपर्क करके लीजिए या फिर उसके बारे में पूरा पता कर लीजिए। -इंश्योरेंस कंपनियों की सारी डिटेल्स वेबसाइट पर अवेलेबल होती है। कोई भी रिस्पांस करने से पहले वेबसाइट को भी चेक किया जा सकता है। जहां कोई नहीं वहां पहुंच जाते हैं नटवरलाल -सिर्फ इंश्योरेंस सेक्टर ही फ्राड

करने वाले इन नटवरलाल से नहीं कांपा है। रेलवे भर्ती बोर्ड, आर्मी भर्ती करने वाले भी इनसे डर चुके हैं। खौफ इस कदर है कि हर विज्ञापन में रेलवे द्वारा यह बात साफ मेंशन की जाती है कि फ्राड करने वालों से सावधान रहें। आर्मी की भर्ती रैली में भी जगह-जगह पर पोस्टर लगाए जाते हैं कि फ्राड करने वालों से बच कर रहिए। लेकिन इनके एलर्टनेस के बावजूद  आए दिन रेलवे व आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर फर्जीवाड़े के मामले सामने आते रहते हैं। किस तरह से देते हैं फ्राड को अंजाम -यह लोग कस्टमर को फोन कॉल पर फर्जी पॉलिसियों की सूचना देते हैं और फिर उनसे ई-पेमेंट करने के लिए जोर डालते है। -कस्टमर इनके चंगुल में फंस जाए इसके लिए बहुत सावधानी से यह डॉक्यूमेंट वगैराह की डिमांड करते हैं। -पॉलिसी व अन्य फंड से जुड़ी सीक्रेट जानकारी हासिल करते हैं और फिर जिस तरह से पॉसिबल होता है इसका यूज करते हैं।

Posted By: Inextlive