नौकावाहन पर आगमन होने से सर्वसिद्धि की प्राप्ति होती है। इस वर्ष नवरात्रि 9 दिन हो जाने के चलते पूरा संयोग ही बेहद शुभ साबित होने वाला है। जब भी 9 दिन नवरात्रि मनाई जाती है तो ये दिन शक्ति की उपासना के लिए बेहद शुभ होते हैं। ये देश में खुशहाली के संकेत हैं।

आपको ये तो पता होगा कि इस बार के शारदीय नवरात्रि अनेक वर्षों बाद एक बेहद शुभ संयोग लेकर आ रहे हैं। ये ग्रह संयोग बेहद विशेष हैं और पंचांग के मुताबिक इन दिनों में उपासना करने का फल अभूतपूर्व साबित होगा। लेकिन शायद आपको न पता हो इस बार मां दुर्गा 10 अक्टूबर, 2018 बुधवार के दिन नाव पर सवार होकर आ रही हैं।

इस बार की नवरात्रि क्यों है खास?

नौकावाहन पर आगमन होने से सर्वसिद्धि की प्राप्ति होती है। इस वर्ष नवरात्रि 9 दिन हो जाने के चलते पूरा संयोग ही बेहद शुभ साबित होने वाला है। जब भी 9 दिन नवरात्रि मनाई जाती है तो ये दिन शक्ति की उपासना के लिए बेहद शुभ होते हैं। ये देश में खुशहाली के संकेत हैं।

कलश स्थापन का शुभ मुहूर्त


बुधवार 10 अक्टूबर को पंचांग के मुताबिक चित्रा एवं वैधृति योग है। चित्रा एवं वैधृति में कलश स्थापन आदि का निषेध है। अत: कलश स्थापनादि कृत्य पूर्वाह्न काल प्रतिपतिथि (दिन 7:56) में ही सम्पन्न कर लेना चाहिये। यदि संभव हो तो निषेध का पालन करें लेकिन प्रतिपतिथि तथा पूर्वाह्न काल का अतिक्रमण नहीं होना चाहिये।

अभिजित् मुहुर्त पर कलश स्थापन करने वालों के लिए अभिजित् मुहूर्त में (दिन 11:37 से दिन 12:23 तक) कलश स्थापन होगा। इस बार अभिजीत मुहूर्त धनु लग्न में आ रहा है। ऐसे में धनु लग्न में ही कलश स्थापना श्रेष्ठ है। सूर्योदय के बाद व अभिजित् मुहूर्त में कलश स्थापना करना चाहिए।

दो गुरुवार का अत्यंत शुभ संयोग

नव दिन की नवरात्रि में दो गुरुवार आएंगे। यह अत्यंत शुभ संयोग है क्योंकि गुरुवार को दुर्गा पूजा का हजार, लाख गुना नहीं करोड़ गुना फल मिलता है। लाभ, शुभ, अमृत (राहु काल छोड़कर) स्थिर लग्न में घट स्थापना कर सकते हैं। ग्रह स्थिति में स्वगृही शुक्र आदि योग से नवरात्रि अत्यंत शुभ मानी जा रही है।

इस बार बन रहे हैं ये विशेष योग


इसके साथ ही इस बार नवरात्रि में 9 दिन राजयोग, द्विपुष्कर योग, सिद्धियोग, सर्वार्थसिद्धि योग, सिद्धियोग और अमृत योग के संयोग बन रहे हैं। इन विशेष योगों में की गई खरीदारी अत्यधिक शुभ और फलदायी रहती है।

महाष्टमी व्रत- बुधवार, 17 अक्टूबर

महानवमी व्रत- गुरुवार, 18 अक्टूबर

विजयादशमी, नवरात्रिव्रतपारण- शुक्रवार, 19 अक्टूबर

— ज्योतिषाचार्य पं गणेश प्रसाद मिश्र, शोध छात्र, ज्योतिष विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय

8 अक्टूबर को पितरों का विसर्जन, जानें कब है दशहरा और शरद पूर्णिमा

नवरात्रि पर ऐसे दें शुभकामनाएं, तो आपके प्रियजन ही नहीं, मां दुर्गा भी हो जाएंगी प्रसन्न


Posted By: Kartikeya Tiwari