नरेंद्र मोदी की ओर से दिए गए न्‍योते पर अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के हामी भरने की खबर से पाकिस्‍तान हरकत में आ गया. बराक ओबामा ने पाक पीएम को फोन कर गणतंत्र दिवस पर भारत जाने की जानकारी दी ऐसे में पाकिस्‍तान पीछे कैसे रह सकता है. यह बात भी जगजाहिर है कि पाकिस्तान शुरू से ही भारत के साथ बराबरी की बात करता आया है. तुरंत ही शरीफ ने भी ओबामा को पिछले साल वॉशिंगटन में पाकिस्तान आने के लिए दिए गए न्योते की याद दिलाई. इसके साथ ही उनसे अपील की कि वह अपनी भारत यात्रा के दौरान कश्‍मीर मसले को जरूर उठाएं. गौरतलब है कि पाकिस्तानी विदेश विभाग भले कह रहा है कि ओबामा ने पाकिस्तान आने का वादा किया है लेकिन व्हाइट हाउस की ओर से इस बात पर कोई बयानबाजी नहीं हुई.


आर्थिक सहयोग को मिलेगा बढ़ावा पाकिस्तान शुरू से ही भारत के साथ बराबरी की बात करता आया है. ऐसे में स्वाभाविक है कि पाकिस्तान को ओबामा के इस दौरे से परेशानी होगी. मोदी की पहल से मजबूत होते भारत और अमेरिका के संबंधों को देख पाकिस्तान अलग-थलग महसूस कर रहा है. पाक विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति से शरीफ की बात हुई. दोनों नेताओं ने आपसी रिश्तों और क्षेत्रीय शांति के विषय पर चर्चा की. नवाज शरीफ ने ओबामा से अपील की कि वह अपनी भारत यात्रा के दौरान कश्मीर मुद्दे को उठाएं. नवाज शरीफ का मानना है कि कश्मीर मुद्दे पर भारत के साथ बातचीत से क्षेत्र में शांति, स्थिरता और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा जो एक बेहतर कदम साबित होगा.2009 के बाद पाक नहीं गए ओबामा
नवाब को बराक ओबामा को न्योता देना भी जरूरी है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा दूसरी बार भारत दौरे पर आ रहें है. इसके साथ ही वह अफगानिस्तान भी जा चुके हैं. हालांकि ओबामा अपने कॉलेज टाइम में पाक आए हैं लेकिन जब उन्होंने जनवरी 2009 में व्हाइट हाउस का जिम्मा संभाला, तब से वह एक बार भी पाकिस्तान नहीं आए है. इसके साथ ही यह भी एक बड़ी बात है कि करीब पिछले आठ सालों में अमेरिका की ओर से कोई भी राष्ट्रपति पाकिस्तान नहीं आया है. 2006 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश पाकिस्तान के एक दिवसीय दौरे पर आए थे.

Posted By: Satyendra Kumar Singh