32 नक्सली बड़े हमले की तैयारी में
RANCHI : झारखंड में 32 हार्डकोर नक्सली उत्पात मचा सकते हैं। पुलिस दबिश के कारण झारखंड में बैकफुट पर चल रहे नक्सली अपनी मजबूती का अहसास कराने के लिए राज्य से बाहर के नक्सली नेताओं को झारखंड के अलग-अलग इलाकों की कमान सौंप रहे हैं। आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और ओडि़शा के नक्सलियों की धमक झारखंड में हाल के दिनों में बढ़ी है। झारखंड में रणनीतिक तौर पर मजबूती के लिए छत्तीसगढ़ बिहार और आंध्र प्रदेश के माओवादियों को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। भाकपा माओवादी के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो यानी ईआरबी में शामिल किए गए 32 सदस्यों की जानकारी झारखंड पुलिस को मिली है।
बड़े नक्सल हमले की तैयारीअपनी उम्र की वजह से संगठन प्रमुख से हटने वाले गणपति के रहते नक्सली ज्यादा आक्रामक कार्रवाई से बचते थे, लेकिन नंबला केशव राव उर्फ बासवराज के नए प्रमुख बनने के बाद झारखंड में अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए माओवादी बड़े नक्सल हमले की तैयारी में है।
झारखंड में एक्टिव नक्सलीकोयल शंख जोन में तेलंगाना का सुधाकरण जो एक करोड़ का ईनामी है, संगठन को लीड कर रहा है। बिहार के जहानाबाद निवासी विमल उर्फ राधेश्याम यादव को कंपनी का कमांडर बनाया गया है। 25 लाख की ईनामी महिला नक्सली और सुधाकरण की पत्नी नीलिमा भी झारखंड में एक्टिव है। इसके अलावा बिहार के जहानाबाद का कुख्यात संदीप यादव, आंध्र का टेक विश्वनाथ और बिहार के मनीष यादव प्रमुख हैं।
खतरनाक हथियारों से हैं लैस झारखंड में जो नक्सली एक्टिव हुए हैं, उनमें सर्वजीत यादव ईआरबी का उप कमांडर है। वह एके 47 राइफल अपने साथ रखता है। आंध्र प्रदेश का टेक विश्वनाथ उर्फ संतोष अमेरिकन हथियार रखता है। सैक सदस्य विश्वनाथ पर राज्य सरकार ने 25 लाख का ईनाम भी घोषित कर रखा है। वर्तमान में विस्फोटक बनाने और टेक्निकल कामकाज की जिम्मेवारी झारखंड में विश्वनाथ पर ही है। कंप्यूटर ऑपरेटर भी रखे हैं विश्वनाथ की पत्नी पूनम भी ईआरबी की सदस्य है। उसके पास कारबाइन हथियार है। सुधाकरण की पत्नी नीलिमा एके 47 रखती है। लातेहार का विनय भुइयां, औरंगाबाद का अमन गंझू एसएलआर रखता है। जोनल सदस्य संतोष भुइयां, शीतल मोची दशरथ दा के पास इंसास राइफल है। बिहार के गया के चक्रबंधा निवासी मनीष यादव, लातेहार निवासी मनीष गंझू, नेशनल भोक्ता, नागेंद्र, रविंद्र गंझू, अकाश नागेसिया भी ईआरबी के सदस्य हैं। इन सबके पास कारबाइन और इंसास राइफलें हैं। आंध्र प्रदेश के अश्रि्वन को संगठन में कंप्यूटर ऑपरेटर के तौर पर रखा गया है। झारखंड पहुंचे छत्तीसगढ़ के 25 लड़ाकेझारखंड में अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए माओवादियों ने ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो में छत्तीसगढ़ में काफी खतरनाक माने जाने वाले 25 नक्सली कैडरों को भी शामिल किया है। इन नक्सली कैडरों की उम्र 20 से 25 साल के बीच है। इनके पास एके-47, इंसास और एसएलआर जैसे घातक हथियार हैं। छत्तीसगढ़ के जिन 25 युवा नक्सल कैडरों को शामिल किया गया है, उसमें महिला नक्सली रोशनी नागेशिया, रजनी, रोहित चौहान, संदीप और जयमंत शामिल हैं। ये सभी गुरिल्ला वार में माहिर हैं।
माओवादियो की संरचना -पोलित ब्यूरो सदस्य, मिसिर बेसरा, प्रशांत बोस -केंद्रीय कमेटी सदस्य, तेलंगाना का सुधाकरण, प्रयाग मांझी उर्फ विवेक -स्पेशल एरिया कमेटी, जहानाबाद का राधेश्याम यादव -तेलंगना की नीलिमा, आंध्र प्रदेश का टेक विश्वनाथ -औरंगाबाद का सौरव यादव उर्फ मरकस बाबा -गया का संदीप यादव, लातेहार का अजीत -गया के डुमरिया का अरुण उर्फ गौतम पासवान और जहानाबाद का प्रदुमन शर्मा पैसे के लालच में झारखंड आते हैं नक्सलीझारखंड पुलिस के प्रवक्ता और आईजी अभियान आशीष बत्रा की मानें तो बाहरी राज्यों के नक्सली झारखंड में सिर्फ पैसा कमाने आते हैं। झारखंड में विकास कायरें में तेजी आई है। यहां पर बड़े पैमाने पर कोयला की खानें हैं और दूसरी माइंस हैं। इन कोयला की खानों और माइंस से नक्सली अपने खौफ के बल पर लेवी यानी रंगदारी वसूलते हैं। खुद करोड़पति होकर फिर अपने राज्य की तरफ लौट जाते हैं।
वर्जन कमजोर हुए हैं झारखंड में नक्सली आशीष बत्रा के अनुसार, झारखंड में नक्सली लगातार बैकफुट पर हैं। मुठभेड़ में केवल इस साल 20 से अधिक नक्सली मारे गए। बड़े नक्सली नेता सरेंडर कर चुके हैं। कई बीमारी की वजह से मर चुके हैं। ऐसे में अब एक बार पैसों का लालच देकर बाहरी नक्सली नेताओं को झारखंड बुलाया जा रहा है। हालांकि झारखंड पुलिस की नजर सभी पर है, सभी के खिलाफ नए सिरे से ऑपरेशन प्लान किया जा रहा है। -आशीष बत्रा, आईजी सह पुलिस प्रवक्ता, झारखंड पुलिस