सरायकेला-खरसावां जिले तिरुलडीह थाना क्षेत्र के कुकुडू साप्ताहिक हाट में विधि व्यवस्था की पड़ताल करने गए छोटाबाबू समेत पांच पुलिसकर्मी नक्सली हमले में शहीद हो गए.

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JAMSHEDPUR :
सरायकेला-खरसावां जिले तिरुलडीह थाना क्षेत्र के कुकुडू साप्ताहिक हाट में विधि व्यवस्था की पड़ताल करने गए छोटाबाबू समेत पांच पुलिसकर्मी नक्सली हमले में शहीद हो गए. घटना शुक्रवार की शाम करीब साढ़े छह बजे की है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दो बाइक पर सवार पांच-छह नक्सली अचानक पहुंचे. सभी ने गमछा लपेट कर मुंह ढंक रखा था. पहले चाकू और हथियार के बल पर पुलिसकर्मियों को अपने कब्जे में ले लिया. कब्जा में लेने के बाद उन्हें गोली मार दी. इसके बाद वे पुलिसकर्मियों की बन्दूक लेकर पश्चिम बंगाल की ओर भाग गए. घटना के बाद हाट में भगदड़ मच गई.

थाना में ताला लगा भागे पुलिसकर्मी

खबर लिखे जाने तक पुलिसकर्मियों के शव घटनास्थल पर ही पड़े हुए हैं. तिरूलडीह थाने के मेन गेट पर ताला लगाकर पुलिसकर्मी भाग गए हैं. कोई घटनास्थल तक जाने की हिम्मत नहीं कर रहा है. आसपास की सभी दुकानें बंद कर दुकानदार भी वहां से जा चुके हैं.

निलंबित किए जा चुके थे थाना प्रभारी

तिरूलडीह के थाना प्रभारी महावीर उरांव तीन-चार दिन पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं. उन्हें सार्वजनिक स्थल पर शराब पीकर डांस करने के आरोप में निलंबित किया गया है.

हाल के दिनों में बढ़ीं नक्सली वारदातें

सरायकेला जिले में हाल के दिनों में नक्सलियों की सक्रियता एकदम से बढ़ गई हैं. नक्सली एक के बाद एक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. सरायकेला के कुचाई में विगत 28 मई नक्सलियों ने आइइडी धमाका किया. इसमें कोबरा 209 बटालियन व झारखंड पुलिस के 15 जवान जख्मी हो गए. घायलों को एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए रांची ले जाया गया. इसके पूर्व लोकसभा चुनाव के दौरान खूंटी लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत खरसावां में मतदान बूथ पर नक्सलियों ने बम विस्फोट किया था.

एक दिन पूर्व गुमला में मुर्गा कारोबारी की कर चुके हत्या

गुमला के बिशुनपुर थाना क्षेत्र के कटिया गांव में गुरुवार की शाम माओवादियों ने साप्ताहिक हाट से भाजपा कार्यकर्ता सह मुर्गा कारोबारी ब्रजेश साहु (38) का अपहरण कर लिया. यहां से कुछ दूर ले जाने के बाद ब्रजेश की गोली मारकर हत्या कर दी. यहां से कुछ दूर माओवादियों ने एक और वारदात को अंजाम दिया. कटिया विद्यालय के समीप बीड़ी पत्ता से लदे ट्रक में आग ला दी, ट्रक धू-धू कर जल गया. घटनास्थल पर माओवादियों ने पर्चा फेंक कर हत्या की जिम्मेवारी ली और ब्रजेश को पुलिस का एसपीओ बताया. इन दोनों घटनाओं से ग्रामीणों में खौफ पसर गया और वे अपने घरों में कैद हो गया. आलम यह कि पुलिस को दूसरे घटना की जानकारी मिल पाई. गुमला में तीन वर्ष बाद माओवादियों ने किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया है.

Posted By: Kishor Kumar