- सिंधुरक्षक हादसे में शहीद हुए सेकेंड लेफ्टीनेंट आलोक साहू के घर पहुंचे सीएम अखिलेश यादव

-सीएम विजिट की वजह से पूरे एरिया को पुलिस ने किया सील, हजारों लोग पांच घंटे रहे नजरबंद

-पिछले दिनों शहीद आशीष यादव के घर विजिट के समय यहां नहीं आ पाने पर सीएम ने शहीद आलोक के पिता से खेद जताया

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KANPUR : जिन गलियों के बाहर बच्चे सुबह से ही खेलते-कूदते नजर आते थे। महिलाएं घर की चौखट पर खड़े होकर एक दूसरे से बातें करती रहती थींअचानक थर्सडे को किदवई नगर की बाबूपुरवा कॉलोनी से ये सारी चहल-पहल गायब हो गई। लोगों को घरों में नजरबंद कर दिया गया। पुलिस ने घरों के दरवाजों पर गार्ड्स तैनात कर दिए। खिड़कियों तक को बंद करने के आदेश दे दिए। लोग डरे-सहमे से केवल झांकते नजर आए। ये सबकुछ हुआ क्योंकि यहां सीएम आने वाले थे। अब सवाल ये है कि जनता के नुमाइंदे के लिए सुरक्षा के नाम पर उसको चुनने वाले लोगों को ही घंटों नजरबंद क्यों कर दिया गया? वो भी पूरे पांच घंटे के तक। जब सीएम आ कर चले गए। तब उनकी नजरबंदी की सजा खत्म हुई। दरअसल थर्सडे को शहर के बाबूपुरवा की लेबर कॉलोनी के शहीद सेकेंड लेफ्टीनेंट आलोक साहू के घर सीएम अखिलेश यादव पहुंचे। कुछ दिन पूर्व वो सिंधुरक्षक हादसे के ही दूसरे शहीद आशीष यादव के मंगला विहार स्थित घर आए थे, पर यहां नहीं। तक सीएम पर जाति के आधार पर शहीद का सम्मान करने का आरोप लगा था। सीएम ने इस आरोप को गलत ठहराते हुए आलोक के पिता से सूचना न होने के कारण उस वक्त नहीं आ पाने पर खेद जताया।

घर में बंद रहो

बाबूपुरवा में सीएम के आने की वजह से सुबह से ही किदवई नगर चौराहे से बाबूपुरवा की तरफ जाने वाले रास्ते पर दुकानें बंद करा दी गई थी। सुबह 8 बजे से ही लोगों को घर में रहने की हिदायत दी गई थी। शहीद आलोक साहू के घर के आस-पास तो लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया था। घरों पर सिपाही तैनात किए गए थे। साथ ही वाहनों की एंट्री भी बंद कर दी गई थी।

दवा लेने भी नहीं जाने दिया

बाबूपुरवा कालोनी में सीएम के विजिट की वजह से लोग घरों में कैद की सजा भुगतते रहे। आलोक के परिवार के पड़ोसी अरमान ने बताया कि पुलिस वालों ने सुबह 8 बजे से लोगों को घर से नहीं निकलने दिया। हर घर पर पुलिस तैनात कर दी गई थी। इस वजह से वह काम पर भी नहीं जा सके। वहीं दूसरे पड़ोसी राजू ने बताया कि उनके बेटे की तबीयत खराब थी दोपहर क्ख् बजे वह गाड़ी लेकर दवा लेने जाने लगे तो पुलिस वालों ने उन्हें घर से ही नहीं निकलने दिया।

शहीद के परिवार को फ्0 लाख

अपने कार्यक्रम से एक घंटे देरी से सीएम अखिलेश यादव का हैलीकॉप्टर संजय वन में बनाए गए हैलीपैड पर उतरा उसके बाद उनका काफिला सीधे बाबूपुरवा लेबर कालोनी में शहीद आलोक साहू के घर पहुंचा। सीएम ने घर पहुंच कर आलोक के पिता पीएल साहू और उसकी मां से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि आशीष यादव के घर आए थे तो यहां के किसी अधिकारी या नेता ने उन्हें आपके बारे में नहीं बताया नहीं तो वह उसी दिन आते। इसके बाद उन्होंने पीएल साहू और शहीद आलोक की पत्‍‌नी विनीता के नाम मदद के तौर पर क्भ्-क्भ् लाख रूपए के चेक दिए। आलोक की पत्‍‌नी विनीता साहू इस दौरान वहां मुंबई से यहां नहीं आई।

शहीद के नाम पर हॉस्पिटल की मांग

शहीद आलोक साहू के पिता पीएन साहू ने सीएम से मुलाकात में उनसे मांग की कि इनके इलाके में बने जर्जर सरकारी हॉस्पिटल का नवीनीकरण करा के उसका नाम उनके बेटे के नाम पर रखा जाए। सीएम ने सहमति दिखाते हुए उस अस्पताल के नवीनीकरण और विस्तार कराने का आश्वासन दिया। साथ ही किदवई नगर से झकरकटी जाने वाली रोड का नाम भी शहीद आलोक साहू के नाम पर करने के लिए सहमति जाहिर की।

विधायक रघुनंदन भदौरिया से झड़प

शहीद आलोक साहू के घर पर सीएम के आने के कार्यक्रम से ऐन पहले क्षेत्रीय विधायक रघुनंदन भदौरिया भी वहां पहुंचे। पहले तो उनकी गाड़ी घर तक लाने को लेकर पुलिस से बहस हुई। लेकिन लोकसभा चुनावों की जीत का असर वहां पर भी दिखा और उन्हें आशीष साहू के घर तक गाड़ी लाने की इजाज दी गई। इसके बाद जब सीएम वहां पहुंचे तो सिक्यूरिटी ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। इस पर वह गुस्सा कर सड़क पर ही बैठ गए। बाद में उन्हें अंदर बुला लिया गया।

बाहर खड़े रहे इरफान और चंद्रेश

सीएम अखिलेश यादव के बाबूपुरवा पहुंचने की खबर पर विधायक इरफान सोलंकी, चंद्रेश सिंह और अमिताभ बाजपेई भी वहां पहुंचे। लेकिन सिक्यूरिटी ने अमिताभ बाजपेई को तो घर के अंदर जाने दिया। लेकिन इरफान और चंद्रेश बाहर ही खड़े रहे। लाल टोपी लगाए कुछ सपा कार्यकर्ताओं ने वहां जाने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें दूर से ही लौटा दिया।

रातोंरात बनी टूटी सड़क, साफ हो गया पार्क

लेबर कालोनी में शहीद आलोक साहू के घर के आस पास न तो सड़क थी पास में जो पार्क भी था वह भी बेहद गंदा था। लेकिन सीएम का प्रोग्राम तय होने पर बुधवार की रात को ही पूरी सड़क बन गई। साथ ही गंदा पार्क भी साफ हो गया। किदवई नगर में जहां जहां गड्डे थे वहां वहां रातोंरात पैचवर्क भी हो गया। साथ ही कई मोड़ों पर रंगोली भी बना दी गई थी।

और भड़क गए एसएसपी

सीएम जब शहीद आलोक के घर के अंदर थे उस समय विधायक रघुनंदन अंदर जाने के प्रयास में सड़क पर ही बैठ गए। उस समय कमिश्नर, आईजी, डीएम, केडीए वीसी, एसएसपी अजय कुमार भी वहीं मौजूद थे। लोगों को नियंत्रित करने के लिए रस्सी लगाई गई थी। विधायक का ड्रामा देख एक बार एसएसपी का पारा चढ़ गया। उन्होंने दरोगा अजयराज वर्मा को कहा कि कोई भी अंदर नहीं आना चाहिए। साथ ही रस्सी के बाहर कोई भी आए तो उससे सख्ती से निपटे।

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हम लोगों को बहुत दिक्कत हुई। पांच घंटे तक हमको नजरबंद कर दिया गया। ये कैसी सुरक्षा है।

-विनोद गुप्ता, बावूपुरवा

लोकतंत्र में कहा जाता है कि पब्लिक सर्वोपरि होती है। लेकिन यहां सबकुछ उलटा है। नेताओं के लिए लोगों को घर में बंद कर दिया गया।

-विनय माथुर, किदवई नगर

पुलिस ने हम लोगों को सुबह से ही घरों में बंद कर दिया था। बहुत दिक्कत हुई सबको।

-आलोक कुमार

किदवई नगर और आसपास के पूरे एरिया का हाल थर्सडे को सुबह से ही बिल्कुल अलग था। पुलिस ने किसी को घर से निकलने नहीं दिया।

-पूजा कश्यप

Posted By: Inextlive