अभी तक आप को दिल्‍ली से मेरठ आने में लगभग 3 घंटे का समय लगता था पर आने वाले समय में इस दूरी को आप सिर्फ 48 मिनटों में ही तय कर सकेंगे। जनाब ये कोई सपना नहीं बल्कि हकीकत है जिसे पूरा करने के लिए दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर को सरकार ने हरी झंडी दे दी है।

बाइस हजार करोड़ का है कॉरिडोर प्रोजेक्ट
नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ने बाईस हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 92 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत 60 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली-मेरठ हाईवे के बराबर चलेगा। कॉरिडोर सराय काले खां से शुरू होगा और पहले चरण का आखिरी स्टेशन मोदीपुरम होगा। 92 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में रेल 61 किलोमीटर तक खंबों पर दौड़ेगी। इसका 30 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत होगा वहीं मात्र डेढ़ किलोमीटर रेल कॉरिडोर जमीन रहेगा।

9 लाख यात्री करेंगे सफर
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव राजीव गाबा के बताया कि साल 2005 में इस कॉरिडोर की योजना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड बनाई थी। उस दौश्रान यह योजना साल 2035 को ध्यान में रखते हुए बनाई गई थी। योजना का उद्देश्य सभी बड़े शहरों को 150 से 180 किलो मीटर प्रति घंटा की तेज रफ्तार रेल मार्ग से जोड़ना था। परियोजना के मुताबिक दिल्ली मेरठ आरआरटीएस की इस रैपिड रेल से 2024 तक रोजाना करीब 8 लाख यात्री सफर करेंगे। साल 2031 में इसका विस्तार होने के बाद यात्रियों की संख्या सवा नौ लाख तक पहुंचने की संभावना है।

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Posted By: Prabha Punj Mishra