टेंडर जारी, 11 दिसंबर को होगा कार्य का आवंटन

करीब 11.20 किमी कैंट एरिया का एनसीआरटीसी कराएगा सर्वे

Meerut। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरीडोर मंजूरी के लिए बेशक केंद्र सरकार के दरवाजे पर दस्तक दे रहा हो किंतु परियोजना के तहत विभिन्न प्रक्रियाओं का संचालन हो रहा है। हाल ही में निर्माणी संस्था नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने कॉरीडोर के अंतिम हिस्से में जियो टेक्निकल इनवेस्टीगेशन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। 11 दिसंबर को प्रक्रिया को पूरा कर इनवेस्टीगेशन के लिए कंपनी का चयन होगा। एनसीआरटीसी के सीपीआरओ सुधीर कुमार शर्मा ने बताया कि नीयर रैंप एमईएस कॉलोनी स्टेशन से मोदीपुरम डिपो तक 11.20 किमी तक जियोटेक्निकल इनवेस्टीगेशन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। टेंडर का ई-पब्लिकेशन सेंट्रल गर्वमेंट के पोर्टल पर 15 नवंबर को कर दिया जाएगा।

11.20 किमी तक होगा सर्वे

दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरीडोर के अंतिम फेस एमईएस कॉलोनी से लेकर मोदीपुरम डिपो (किमी 71.30 से 82.50) तक 11.20 किमी तक जियोटेक्निकल इनवेस्टीगेशन का कार्य दिसंबर माह में आरंभ हो जाएगा। इसको लेकर टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 15 नवंबर प्रात: 11 बजे से टेंडर का ई-पब्लिकेशन कर दिया जाएगा। 3 दिसंबर को टेंडर सबमिट करने की अंतिम तिथि है जबकि 11 दिसंबर को टेंडर ओपन किया जाएगा।

यह है जियोटेक्निकल इनवेस्टीगेशन?

किसी भी निर्माण परियोजना को आरंभ करने से पहले बोरवेल खोदकर साइट टेस्टिंग की जाती है। इस प्रक्रिया को जियोटेक्निकल इनवेस्टीगेशन कहते हैं। इससे अंदाजा लगाया जाता है कि जहां पर परियोजना के तहत निर्माण करना है वहां पर भूमि कैसी है? वाटर लेवल क्या है आदि। जमीन कितना वजन सह पाएगी। इतना ही नहीं जियोटेक्निकल इनवेस्टीगेशन की प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही किसी भी स्ट्रक्चर को भूकंपरोधी बनाया जा सकता है।

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एक नजर में

-नीयर रैंप एमईएस कॉलोनी से लेकर मोदीपुरम डिपो (किमी 71.30 से 82.50) तक 11.20 किमी तक जियोटेक्निकल इनवेस्टीगेशन का कार्य।

15 नवंबर-ई पब्लिकेशन की तिथि

3 दिसंबर-बिड्स सबमिट शुरू

10 दिसंबर-बिड्स जमा कराने की अंतिम तिथि

11 दिसंबर-बिड्स ओपन करने की तिथि

Posted By: Inextlive