- एक्सिडेंट को रोकने और ड्रंक ड्राइविंग न हो इसके लिए लगाए थे सीसीटीवी कैमरे

- सीएमडीई (डीजल) कर रहे हैं रेग्युलर मॉनीटरिंग

- नंदानगर और घुघली हादसों में ड्राइवर की लापरवाही के मद्देनजर रेलवे ने उठाया कदम

GORAKHPUR : दिन ब दिन रेल हादसों की बढ़ती तादाद ने रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन को काफी एक्टिव कर दिया है। यही वजह है कि पैसेंजर्स की सिक्योरिटी और हादसों की तादाद को कम करने के लिए रेलवे हर पॉसिबल कदम उठाने में लगा हुआ है। इसके लिए रेलवे की ट्रिपल लेयर सिक्योरिटी मेजर्स काफी फायदेमंद है। इसके तहत जहां रेलवे ने डीजल लॉबी में सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं, वहीं दूसरी ओर उसकी मॉनीटरिंग के लिए एक अधिकारी को भी जिम्मेदारी सौंप दी है। इसके साथ ही रेल के इंजन में भी पाइलट प्रोजेक्ट के तहत सीसीटीवी कैमरे लगा दिए हैं, जिससे कि दुर्घटना की संभावना बिल्कुल कम हो गई है।

लॉबी में दो कैमरों से निगरानी

रेलवे ने ड्यूटी से पहले होने वाली जांचों को कराने के लिए सख्ती बढ़ा दी है। एंप्लाइज भी इसपर सख्ती से अमल करें, इस गर्ज से लॉबी में सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल करवा दिए गए हैं। इसमें कोई लापरवाही न बरती जाए, इसके लिए सीएमडीई (डीजल) को इसकी मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। रेलवे ड्राइवर्स की ड्यूटी से पहले ब्रेथ एनालाइजर के थ्रू जांच करवाता है। रेल ऑफिसर्स की मानें तो कई बार यह शिकायतें मिलीं कि बिना जांच के ही ड्राइवर्स का टेस्ट कर दिया जाता है। जांच रिपोर्ट में यह लिख दिया जाता था कि इसकी जांच कर दी गई, मगर कैमरा लगने और उसकी रेग्युलर मॉनीटरिंग की वजह से इन संभावनाओं पर भी पूरी तरह से लगाम लग चुकी है।

बिल्कुल भी न हो लापरवाही

जांच कराने के बाद ड्राइवर्स कुछ भी कर सकते हैं। तो ऐसी कंडीशन में क्या? इस तरह की संभावनाओं के लिए भी रेलवे कदम उठा चुका है। पाइलट प्रोजेक्ट के तहत ब् इंजन में कैमरे इंस्टॉल किए हैं। इसका मकसद ट्रेनों में चलते वक्त भी मॉनीटरिंग करना है। ड्राइवर प्रॉपरली सिग्नल एक्सचेंज कर रहे हैं या नहीं? कहीं उन्हें झपकी तो नहीं आ रही है, के साथ कुछ और प्वाइंट्स पर मॉनीटरिंग की जा सके। हाल ही में नंदानगर और घुघली में हुए रेल हादसों में ड्राइवर की लापरवाही सामने आई, जिसकी वजह से रेलवे को यह कदम उठाना पड़ा।

रेल हादसे न हो और पैसेंजर्स अपनी डेस्टिनेशन तक पहुंच सकें, इसके लिए रेल बिल्कुल सीरियस है। इसलिए रेलवे ने डीजल लॉबी में दो सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल कराए हैं, जिनकी मॉनीटरिंग सीएमडीई (डीजल) को सौंपी गई है। इसके अलावा पाइलट प्रोजेक्ट के तहत ब् इंजन में कैमरे लगाए गए हैं। सक्सेज होने के बाद इसे दूसरी ट्रेंस में भी लगवाया जाएगा।

- आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनईआर

Posted By: Inextlive