-मेडिकल कालेज में दाखिले की उम्मीद में नीट-2019 में शामिल होने जुटे स्टूडेंट्स

-एग्जाम के बाद क्वेश्चन पेपर को लेकर स्टूडेंट्स का रहा अपना-अपना नजरिया

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PRAYAGRAJ: देश के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए रविवार को नीट 2019 यानी नेशनल एलिजबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन किया गया. टेस्ट के लिए परीक्षार्थियों की संख्या को देखते हुए सिटी में वाईएमसीए, अर्नी मेमोरियल, टैगोर पब्लिक स्कूल, ईसीपीएस, गोल्डेन जुबली समेत कुल 17 एग्जाम सेंटर्स बनाए गए थे. दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक परीक्षा का आयोजन किया गया. परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स के लिए रिपोर्टिग टाइम 12 बजे से था. सिटी के साथ ही आस-पास की डिफरेंट सिटीज व मध्य प्रदेश के रीवा जिले से भी बड़ी संख्या में परीक्षार्थी टेस्ट देने आए थे.

किसी को फिजिक्स तो किसी को केमिस्ट्री ने दी टेंशन

सवालों के बारे में पूछे जाने पर किसी परीक्षार्थी को फिजिक्स के प्रश्न अधिक टफ लगे तो कोई केमिस्ट्री की मिस्ट्री में उलझा नजर आया. वहीं बड़ी संख्या में ऐसे परीक्षार्थी भी रहे, जिन्होंने पेपर को स्टैंडर्ड बताया. जुलॉजी, बॉटनी, केमिस्ट्री और फिजिक्स से 45-45 अंक के प्रश्न पूछे गए थे. हर प्रश्न चार अंकों का था. इनमें एक अंक के निगेटिव मार्किंग की व्यवस्था थी. वैसे ज्यादातर परीक्षार्थियों का मानना यही रहा कि एनटीए की ओर से आयोजित नीट 2019 का प्रश्नपत्र स्टैंडर्ड क्वॉलिटी का था. ऐसे में अगर किसी ने सही ढंग से एग्जाम की तैयारी की है तो वह बेहतर अंक हासिल कर सकेगा.

वर्जन

केमिस्ट्री सही ढंग से तैयार नहीं थी. फिजिक्स और बायोलॉजी का पोर्शन बेहद शानदार रहा. ऐसे में सेलेक्शन के कुछ चांसेज बन सकते हैं.

-सोनी पाल

सभी प्रश्न एनसीईआरटी पैटर्न की किताबों से ही आए थे. प्रश्न टफ थे, हालांकि बॉयोलॉजी के प्रश्न थोड़े लंबे थे.

-पूजा पटेल, रीवा

यह मेरा पहला अटेम्प्ट था. इसलिए थोड़ी दिक्कत हुई. बायोलॉजी का प्रश्नपत्र तो ठीक रहा, लेकिन फिजिक्स और केमिस्ट्री की मिस्ट्री सॉल्व करने में दिक्कत हुई.

-आकाश

बायोलॉजी तो मेरे हिसाब से ठीक था. लेकिन फिजिक्स और केमिस्ट्री का स्टैंडर्ड औसत से थोड़ा अधिक था. ओवरऑल पेपर को ठीक ही कहा जाएगा.

-मनीष

बायोलॉजी का पेपर थोड़ा लेंदी था, जबकि फिजिक्स का पेपर टेंशन देने वाला लगा. अगर मेरी बात की जाए तो पेपर थोड़ा टफ रहा.

-शशिचंद सिंह

दूसरा अटेम्प्ट देने पहुंची श्रेया शेखर ने बताया कि तैयारी अच्छी थी, इसलिए पेपर सॉल्व करने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. बायोलॉजी के प्रश्न थोड़े दिक्कत देने वाले लगे.

-श्रेया शेखर श्रीवास्तव

अगर पूरे साल किसी ने मेहनत की है, तो निश्चित रूप से उसके लिए पेपर बहुत ज्यादा कठिन नहीं था. कुछ प्रश्न औसत से थोड़े ज्यादा कठिन थे.

-उमा शंकर

प्रश्नपत्र स्टैंटर्ड कैटेगरी का था. जिन स्टूडेंट्स ने अपने विषय को गहनता से अध्ययन किया था. वे ही सभी प्रश्नों को हल करने में सक्षम थे. केमिस्ट्री के प्रश्न अपेक्षाकृत टफ थे. जो औसत स्टूडेंट्स के पहुंच के बाहर थे.

संजय श्रीवास्तव

सीनियर फेकेल्टी टीपीएस

Posted By: Vijay Pandey