मोदी सरकार अपने चुनावी एजेंडे में लिखे हर वादे को धीरे-धीरे पूरा करने की कोशिश में दिख रही है. इस दिशा में सरकार ने दागी मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सरकार इसके लिए जन प्रतिनिधित्‍व कानून में बदलाव कर सकती है.


मोदी सरकार करेगी दागी मंत्रियों पर वारमोदी सरकार ने आपराधिक बैकग्राउंड वाले सांसदों के खिलाफ मोर्चा खोलने का लिए मन बना लिया है. इस बारे में एक अंग्रेजी अखबार ने बताया कि केंद्र सरकार भारतीय राजनीति से आपराधिक छवि वाले नेताओं को दूर करने के लिए जन प्रतिनिधित्व कानून को संशोधित कर सकती है. इस संशोधन के लागू होने के बाद गंभीर आरोपों में लिप्त राजनेताओं को 13 सालों तक चुनाव लड़ने की अनुमति नही होगी. इसके लिए संसद में एक बिल लाया जाएगा. इस बिल के पास होने से उन सांसदों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकेगा जिन पर ऐसे अपराधों के आरोप हैं जिनमें छह साल तक की सजा का प्रावधान है. इसके अलावा संशोधित कानून में प्रावधान होगा कि इस तरह के अपराध की चार्जशीट चुनाव के कम से कम 180 दिन पहले दाखिल की जानी चाहिए. झूठा शपथ पत्र भी करेगा अयोग्य
इस बिल में एक प्रावधान यह है कि इलेक्शन कमीशन के समक्ष झूठा शपथ पत्र रखने वाले उम्मीदवार की सदस्यता भी कैंसल कर दी जाएगी. इसके साथ ही उससे छह सालों तक चुनाव लड़ने का अधिकार भी छीना जाएगा. इस बारे में देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि सरकार में पीएम और मुख्यमंत्री दागी राजनेताओं को मंत्री ना बनाएं. गौरतलब है कि इस बारे में एक पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल है. कानून मंत्रालय ने रेडी किया प्रपोजलकानून मंत्रालय ने इस संशोधन के लिए प्रस्ताव पारित कर लिया है. इसलिए अब इस बिल को पीएम मोदी की सहमति की जरूरत है. इसके बाद यह बिल कैबिनेट के सामने रखा जाएगा. इस प्रॉसेस के बाद ही बिल को संसद में ले जाया जाएगा.

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Posted By: Prabha Punj Mishra