वैज्ञानिकों के जिस दल ने अपने एक प्रयोग में ये पाया था कि न्यूट्रिनो की गति प्रकाश की गति से भी ज़्यादा हो सकती है उसी दल ने फिर से एक बेहतर प्रयोग किया है. प्रयोग में फिर से पुराने नतीजे की ही पुष्टि हुई है.

अगर और प्रयोगों में भी यही नतीजे आते हैं तो इससे आधुनिक भौतिकी का एक मूल आधार ही बदल जाएगा। सितंबर में जेनेवा में की दुनिया स्थित भौतिकी की सबसे बड़ी प्रयोगशाला सर्न में वैज्ञानिकों ने कहा था कि उन्होंने सबएटॉमिक पार्टिकल यानी अतिसूक्ष्म कण न्यूट्रिनो की गति प्रकाश की गति से भी ज़्यादा पाई है।

 इस रिपोर्ट के आलोचकों का कहना था कि न्यूट्रिनो के लंबे समूह के कारण प्रयोग में ग़लती हो सकती है। नए प्रयोग में छोटे समूह इस्तेमाल किए गए हैं। लेकिन अभी बाहरी वैज्ञानिकों ने इसका अध्ययन नहीं किया है।

इस प्रयोग को 20 बार किया गया और नतीजा वही पाया गया। भौतिकी का ये बड़ा सिद्वांत है कि प्रकाश की गति से तेज़ कुछ भी नहीं। पहले ये सिद्वांत जेम्स क्लर्क मैक्सवेल ने दिया था और बाद में अलबर्ट आइंस्टाइन की थ्यूरी ऑफ़ रिलेटिविटी में इसे शामिल किया गया था।

Posted By: Inextlive